दुनिया में कृत्रिम सूरज बनाने की कल्पना कर पाना भी एक वक्त में मुश्किल था। मगर एक देश ने अपना खुद का सूरज बनाकर पूरे विश्व को हैरान कर दिया है।
Image Source : Fileदुनिया के पहले "कृत्रिम सूर्य" ने पहली बार 100 मिलियन C का प्लाज्मा केंद्रीय इलेक्ट्रॉन तापमान हासिल किया, जो भविष्य के संलयन रिएक्टर प्रयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Image Source : Fileइस कृत्रिम सूर्य का नाम The experimental advanced superconducting tokamak (EAST) रखा गया है। यह सूरज की तरह ऊर्जा पैदा करने में सक्षम है।
Image Source : File"कृत्रिम सूर्य" एक मेगा परमाणु संलयन उपकरण है, जो सूर्य के समान संलयन प्रक्रिया के माध्यम से ऊर्जा उत्पन्न करता है।
Image Source : Fileसूर्य की यह संलयन प्रक्रिया हीलियम बनाने के लिए हाइड्रोजन परमाणुओं को विलय बिजली में करके बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए परमाणु नाभिक का उपयोग करती है।
Image Source : Fileतो अपना खुद का सूरज चीन के पास है। जिसने दुनिया के सबसे बड़े "कृत्रिम सूरज" के लिए प्रमुख घटकों की आखिरी खेप वितरित कर दी है। इस मेगाप्रोजेक्ट का लक्ष्य वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति के लिए संलयन प्रक्रिया के माध्यम से स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा बनाना है।
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