Saturday, December 14, 2024
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क्या तीसरे विश्वयुद्ध की प्लानिंग कर रहे पुतिन और किम जोंग, रूस-उत्तर कोरिया की नई रणनीतिक साझेदारी से उड़ी अमेरिका की नींद

रूस के राष्ट्रपति पुतिन का उत्तर कोरिया दौरा यूं ही नहीं है। पुतिन ऐसे वक्त में उत्तर कोरिया की यात्रा पर हैं, जब यूक्रेन युद्ध चरम पर है और पश्चिमी देश एक बार फिर जेलेंस्की की भरपूर मदद में उतर आए हैं। ऐसे वक्त में रूस और उत्तर कोरिया ने नई रणनीतिक साझेदारी करके दुनिया भर में भारी हलचल पैदा कर दी है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Jun 19, 2024 16:13 IST, Updated : Jun 19, 2024 16:41 IST
रूस के राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन। - India TV Hindi
Image Source : PTI रूस के राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन।

सियोल: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अचानक राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की उत्तर कोरिया की यात्रा ने अमेरिका समेत यूक्रेन और पूरे यूरोपी की धड़कनों को बढ़ा दिया है। अपनी यात्रा के दौरान पुतिन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने प्योंगयांग में एक शिखर वार्ता में समग्र रणनीतिक साझेदारी को लेकर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किया। रूस और उत्तर कोरिया के बीच जिन वैश्विक परिस्थियों में यह समझौता हुआ उसने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। अब तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या पुतिन और किम जोंग तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो यह पूरी दुनिया के लिए सबसे घातक संकेत है। 

रूस और उत्तर कोरिया के बीच हुई नई रणनीतिक साझेदारी ने अमेरिका की भी नींद उड़ा दी है। बता दें कि  दोनों देशों के बीच इस कवायद को आर्थिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने तथा अमेरिका के खिलाफ संयुक्त मोर्चा तैयार करने के तौर पर देखा जा रहा है। इस समझौते के अनुसार यदि रूस या उत्तर कोरिया में से किसी भी एक देश पर हमला हुआ तो दोनों मिलकर जवाब देंगे। पुतिन की यह यात्रा हथियारों की उस व्यवस्था को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच हो रही है, जिसके तहत उत्तर कोरिया यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए आवश्यक हथियार रूस को मुहैया करा रहा है और जिसके बदले में उसे आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी मिलती है। रूस के सरकारी मीडिया ने कहा कि पुतिन और किम के बीच बैठक करीब दो घंटे तक जारी रही जबकि प्रारंभ में बैठक का वक्त एक घंटे निर्धारित किया गया था।

शिखर वार्ता में और गहरे हुए दोनों देशों के संबंध

उत्तर कोरियाई नेता के साथ अपनी वार्ता की शुरुआत में पुतिन ने कहा कि रूस और उत्तर कोरिया आर्थिक तथा सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे क्योंकि वे ‘‘रूसी संघ के विरुद्ध अमेरिका और उसके उपग्रहों की साम्राज्यवादी आधिपत्यवादी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष कर रहे हैं।’’ उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम के कारण संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं वहीं यूक्रेन के खिलाफ युद्व के कारण रूस भी अमेरिका और उसके पश्चिमी साझेदारों के कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना कर रहा है।

रूसी मीडिया ने कहा था कि किम एक स्वागत समारोह की मेजबानी करेंगे। पुतिन के बुधवार शाम को वियतनाम के लिए रवाना होने की उम्मीद है। पुतिन ने शिखर वार्ता से पहले दोनों देशों के बीच लंबे समय से जारी संबंधों की सराहना की। किम ने कहा कि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच अब संबंध सोवियत काल से भी अधिक घनिष्ठ हो गए हैं । उन्होंने पुतिन की यात्रा को ‘‘घनिष्ठ मित्रता’’ को और मजबूत करने का अवसर करार दिया।

किम जोंग ने कहा-संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए एकजुटता जरूरी

किम ने ‘‘संप्रभुता, सुरक्षा हितों और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान चलाने में रूसी सरकार, सेना और लोगों को अपने देश के पूर्ण समर्थन और एकजुटता की बात कही।’’ हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि किम किस प्रकार के समर्थन की बात कर रहे थे। किम ने ‘‘विश्व में रणनीतिक स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में रूस की महत्वपूर्ण भूमिका और मिशन की भी सराहना की।’’ शिखर वार्ता से पहले किम ने शहर के मुख्य चौक पर एक भव्य समारोह में पुतिन का स्वागत किया और विदेश मंत्री चोई सोन हुई, शीर्ष सहयोगी एवं सत्तारूढ़ पार्टी के सचिव जो योंग वोन और अपनी बहन किम यो जोंग सहित उत्तर कोरियाई नेतृत्व के प्रमुख सदस्यों का परिचय पुतिन से कराया।

पुतिन को उत्तर कोरिया में हुआ ग्रांड वेलकम

रूसी राष्ट्रपति के काफिले का स्वागत करने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने ‘पुतिन का स्वागत है’ के नारे लगाए। इस दौरान जनता ने उत्तर कोरिया के तथा रूस के झंडे भी लहराए। पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव के अनुसार, पुतिन के साथ उप प्रधानमंत्री डेनिस मांतरूरोव, रक्षा मंत्री एंद्रेई बेलोसोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई शीर्ष अधिकारी भी थे। पुतिन और किम की मित्रता के बीच अमेरिका और दक्षिण कोरियाई अधिकारियों का आरोप है कि उत्तर कोरिया रूस को यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए तोपें, मिसाइलें और अन्य सैन्य उपकरण मुहैया करा रहा है और इसके बदले में उसे महत्वपूर्ण सैन्य तकनीक और सहायता मिल रही है। हालांकि दोनों ही देशों ने हमेशा इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। (एपी) 

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