जिसने यूपी जीता, उसने लाल किले पर झंडा फहराया – ये महज पत्रकारवाणी नहीं है। 80 लोकसभा सीटें, 403 विधानसभा सीटें, 75 जिले और करीब 23 करोड़ की आबादी – उत्तरप्रदेश एक राज्य नहीं, अपने आप में एक दुनिया है। हो भी क्यों ना जनसंख्या के आधार पर चीन, भारत, अमेरिका और इंडोनेशिया के बाद, पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश का ही नंबर आता है। यहां विकास की परख है, तो धर्म का चोखा रंग है। जातीय समीकरण है, तो धार्मिक ध्रुवीकरण है। सत्ता की हनक है, तो निर्बल के वोट की धमक है। शायराना अंदाज है, तो लठमार होली भी है। ये वो प्रदेश या यू कहें देश है, जहां चाय की कुल्हड़ पर सरकारें बनती है, और चौपाल पहुंचते-पहुंचते चारो खाने चित हो जाती है। तभी तो कहते हैं, दिल्ली का रास्ता लखनऊ से होकर निकलता है।

तो जनाब, देश को जानना, समझना और परखना है, तो पहले यूपी को समझिये। और इससे अच्छा जरिया यूपी की नब्ज़ टटोलने का और क्या हो सकता है जब खुद उत्तर प्रदेश की पारखी जनता आपको बताये अपने दिल की बात क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है।

इंडिया टीवी के रिपोर्टर पहुंचेंगे, उत्तर प्रदेश के हर जिले में। मिलेंगे हर उस धुरंधर से जिसकी उंगलियों पर होगा उसके इलाके का समीकरण। बात होगी, बहस होगी, विवाद होगा, संवाद होगा – जनता पूछेगी सवाल, धुरंधर देंगे जवाब – इस सवाल, जवाब के दरम्यां निकलेगी वो बात जिसे देखकर, सुनकर आप कह उठेंगे – ये पब्लिक है सब जानती है।

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