यह नई प्रणाली उपकरणों के ईकोसिस्टम को पूरी तरह बदल देगी। वर्तमान में, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए विशिष्ट उपकरणों की जरूरत होती है। लेकिन, फेस ऑथेन्टिकेशन के साथ, यह सीमा खत्म हो जाएगी।
अब बच्चों का आधार कार्ड अपडेट कराने पर जेब ढीली नहीं होगी। UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड से जुड़े मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेट को पूरी तरह फ्री कर दिया है।
आधार कार्ड हमारे लिए एक जरूरी डॉक्यूमेंट है। UIDAI द्वारा जारी किए जाने वाले इस आइडेंटिटी कार्ड को आप WhatsApp के जरिए भी आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। वाट्सऐप से आधार कार्ड डाउनलोड करने का तरीका क्या है? आइए, जानते हैं...
e-Aadhaar ऐप पर कई तरह के काम हो रहे हैं और इसे लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जा रहा है।
बिहार के जो लाखों मतदाता वोटर आईडी और आधार कार्ड को मान्यता न होने की वजह से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए अपने पुराने दस्तावेज नहीं दिखा पा रहे थे, उन्हें इससे फायदा होगा।
साइबर अपराधी नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। बिना OTP और कार्ड के भी आपके साथ ठगी की जा सकती है। साइबर फ्रॉड का एक ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है, जिसमें पीड़िता का अकाउंट खाली कर दिया गया।
अगर फर्जी आधार कार्ड इतनी आसानी से बन जाते हैं तो ये चिंता की बात है। अगर Facial Scan और Eye Scan भी Copy किए जा सकते हैं तो ये बहुत खतरनाक है।
ड्राइविंग लाइसेंस धारकों और पंजीकृत वाहन मालिकों को एक संदेश भेजा जा रहा है। इस संदेश में लोगों से सारथी पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर अपडेट करने का अनुरोध किया जा रहा है। यानी इसके लिए आरटीओ जाने की जरूरत नहीं है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी है, तो इसका मतलब ये नहीं की वह भारतीय नागरिक है। ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बिहार में SIR के मद्देनजर भी इन दस्तावेजों की वैधता पर बहस हो रही है।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड को नागरिकता प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसकी जांच-परख जरूरी है।
UIDAI ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने से लेकर अपडेट कराने से रोकने की तैयारी कर ली है। आधार कार्ड में बायोमैट्रिक्स अपडेट कराने से लेकर जन्मतिथि बदलवाना अब आसान नहीं रहेगा।
यूआई़डीएआई अब एक ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है, जिसके जरिए माता-पिता की सहमति के साथ बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट स्कूल परिसर में ही किया जाएगा। तय समय में अगर यह अपडेट नहीं किया गया, तो आधार नंबर निष्क्रिय भी किया जा सकता है।
यूआईडीएआई ने कहा, ‘‘परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की सूचना पर, मृतक के परिवार के किसी भी सदस्य को स्वयं को प्रमाणित करने के बाद, पोर्टल पर मृतक व्यक्ति का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण संख्या के साथ जनसंख्या संबंधी अन्य विवरण देना आवश्यक है।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए MBU का समय पर पूरा होना एक आवश्यक शर्त है। अगर 7 साल की उम्र के बाद भी एमबीयू को पूरा नहीं किया जाता है, तो मौजूदा नियमों के अनुरूप आधार संख्या निष्क्रिय हो सकती है।’’
रेलवे के इस नए नियम के बाद अब अगर कोई यात्री कंप्यूटराइज्ड पीआरएस काउंटर या अधिकृत एजेंट के जरिये तत्काल टिकट बुक करता है, तो भी आधार ओटीपी वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
UIDAI ने आधार में होने वाले 4 प्रमुख प्रमाण- पहचान, घर का पता, जन्म तिथि का प्रमाण और रिश्ते के प्रमाण के लिए अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स तय किए हैं।
1 जुलाई से कई प्रमुख वित्तीय परिवर्तन होने जा रहे हैं, जिनमें नए पैन कार्ड बनवाने के रूल में बदलाव, 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाना शामिल है।
आज के समय में देश के अधिकांश नागरिकों के पार आाधार है। अगर आप भी आधार का यूज करते हैं तो जान लें इसके ऑथेंटिकेशन के प्रॉसेस।
मौजूदा समय में IRCTC की वेबसाइट पर 13 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं, जिनमें से केवल 1.2 करोड़ ही आधार-सत्यापित हैं। IRCTC ने उन सभी खातों के लिए विशेष सत्यापन करने का निर्णय लिया है जो आधार से प्रमाणित नहीं हैं।
आप UIDAI की वेबसाइट (https://appointments.uidai.gov.in/easearch.aspx) पर जाकर अपने घर के पास के आधार सेवा केंद्र का पता लगा सकते हैं।
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