बिहार के जो लाखों मतदाता वोटर आईडी और आधार कार्ड को मान्यता न होने की वजह से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए अपने पुराने दस्तावेज नहीं दिखा पा रहे थे, उन्हें इससे फायदा होगा।
अगर फर्जी आधार कार्ड इतनी आसानी से बन जाते हैं तो ये चिंता की बात है। अगर Facial Scan और Eye Scan भी Copy किए जा सकते हैं तो ये बहुत खतरनाक है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी है, तो इसका मतलब ये नहीं की वह भारतीय नागरिक है। ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब बिहार में SIR के मद्देनजर भी इन दस्तावेजों की वैधता पर बहस हो रही है।
बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन यानी SIR के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि आधार कार्ड को नागरिकता प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसकी जांच-परख जरूरी है।
UIDAI ने फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने से लेकर अपडेट कराने से रोकने की तैयारी कर ली है। आधार कार्ड में बायोमैट्रिक्स अपडेट कराने से लेकर जन्मतिथि बदलवाना अब आसान नहीं रहेगा।
यूआईडीएआई ने कहा, ‘‘परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की सूचना पर, मृतक के परिवार के किसी भी सदस्य को स्वयं को प्रमाणित करने के बाद, पोर्टल पर मृतक व्यक्ति का आधार नंबर और मृत्यु पंजीकरण संख्या के साथ जनसंख्या संबंधी अन्य विवरण देना आवश्यक है।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए MBU का समय पर पूरा होना एक आवश्यक शर्त है। अगर 7 साल की उम्र के बाद भी एमबीयू को पूरा नहीं किया जाता है, तो मौजूदा नियमों के अनुरूप आधार संख्या निष्क्रिय हो सकती है।’’
UIDAI ने आधार में होने वाले 4 प्रमुख प्रमाण- पहचान, घर का पता, जन्म तिथि का प्रमाण और रिश्ते के प्रमाण के लिए अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स तय किए हैं।
आज के समय में देश के अधिकांश नागरिकों के पार आाधार है। अगर आप भी आधार का यूज करते हैं तो जान लें इसके ऑथेंटिकेशन के प्रॉसेस।
अगर आपने किसी वजह से अपना रजिस्टर्ड नंबर खो दिया है या अपना फोन नंबर बदल लिया है, तो आप उसे ऑनलाइन भी अपडेट कर सकते हैं।
आजकल जब भी हम खरीदारी करते हैं तो यूपीआई से पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं। इसके साथ ही वॉट्सऐप वेब के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि क्यूआर कोड को कब बनाया गया था और किसने बनाया है?
आधार कार्ड आज के समय में एक सबसे जरूरी डॉक्यूमें बन चुका है। इसके बिना न तो सिम कार्ड खरीद सकते हैं और न ही किसी सरकारी योजना का लाभ ले सकते हैं। क्या आपको याद है कि आपका आधार कार्ड कहां-कहां इस्तेमाल किया जा रहा है। आप आसानी से ऑनलाइन इसका पता लगा सकते हैं।
आप UIDAI की वेबसाइट (https://appointments.uidai.gov.in/easearch.aspx) पर जाकर अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र का पता लगा सकते हैं।
देश के करोड़ों आधार कार्ड धारकों के लिए सरकार जल्द नया आधार ऐप लॉन्च करने जा रही है। नए ऐप के आने के बाद कार्ड धारकों को कहीं भी अपना फिजिकल कार्ड देने की जरूरत नहीं होगी। इस नए ऐप में 5 खास फीचर्स दिए गए हैं, जिसकी वजह से कार्ड होल्डर्स का डेटा सिक्योर रहेगा।
आधार के नए मोबाइल ऐप की मदद से आप आधार की हार्ड कॉपी दिए बिना ही एयरपोर्ट, होटल और बाकी जगहों पर अपने आधार डेटा को बेहद सुरक्षित तरीके से शेयर करने के लिए फेशियल ऑथेंटिफिकेशन की सुविधा होगी।
आधार कार्ड की फोटोकॉपी या कार्ड रखने की आवश्यकता खत्म हो गई है। दरअसल नया Aadhaar App अब हर मुश्किल को आसान करेगा। इस बारे में आईटी मंत्री ने जानकारी दी है।
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने डीमैट अकाउंट को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा करने के कई फायदे मिलते हैं। पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया बेहद आसान है।
आधार कार्ड आज के समय में एक जरूरी डॉक्यूमेंट बन चुका है। अगर आप भी भूल चुके हैं कि आपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कहां-कहां किया हैतो अब आपकी टेंशन खत्म होने वाली है। हम आपको इसका पता लगाने के लिए ऑनलाइन तरीका बताने जा रहे हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड और स्कैम से बचने के लिए सरकार ने सिम कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है। आप ऑनलाइन प्रॉसेस से यह जान सकते हैं कि आपके आधार कार्ड से कितने सिम कार्ड एक्टिव हैं।
UIDAI आधार कार्ड में गलत चीजों को अपडेट करने की सुविधा देता है। लेकिन, क्या आपको मामलू है कि मोबाइल नंबर, नाम, पता और जेंडर को आधार में अपडेट करने की अलग अलग लिमिट है। इसलिए आधार कार्ड को अपडेट करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है।
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