भारत ने नेशनल सिटिजन्स पार्टी (NCP) के नेता हसनात अब्दुल्ला के भारत विरोधी बयानबाजी के बाद यह कदम उठाया। अब्दुल्ला ने एक सार्वजनिक भाषण में धमकी दी थी कि अगर बांग्लादेश अस्थिर होता है तो वे भारत के सात पूर्वी राज्यों (सेवन सिस्टर्स) को अलग-थलग कर देंगे
सरकार ने संसद में बताया कि 2014 से नवंबर 2025 तक भारत की सीमाओं पर 23,926 घुसपैठिए पकड़े गए। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां भारत-बांग्लादेश सीमा पर हुईं, जबकि भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ।
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि भारत-पाकिस्तान सीमा के 93.25% और भारत-बांग्लादेश सीमा के 79.08% हिस्से पर बाड़बंदी पूरी हो चुकी है। शेष सीमा पर काम जारी है। यह कदम घुसपैठ रोकने और राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
विजय दिवस पर 1971 की निर्णायक जीत और तब से लेकर आज के दौर की हाई-टेक जंग तक भारतीय सेना के ऐतिहासिक सफर, भविष्य की सबसे बड़ी सैन्य चुनौतियों यानी ड्रोन युद्ध, साइबर और इन्फॉर्मेंशन वॉर के बारे में विस्तार से जानिए।
भारत ने बांग्लादेश के आरोपों को सिरे से खारिज करके कहा कि उसकी जमीन का इस्तेमाल पड़ोसी मुल्क के खिलाफ गतिविधियों के लिए कभी भी नहीं हुआ है। भारत, बांग्लादेश में शांतिपूर्ण चुनाव का समर्थक है।
बांग्लादेश में चुनावों की घोषणा होने के बाद से फिर हिंसा फैल गई है। गत बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग ने ऐलान किया था कि बांग्लादेश में 12 फरवरी को वोटिंग होगी। इसके अगले दिन से ही देश हिंसा के हवाले हो गया।
सूडान में 2023 से जारी गृह युद्ध ने दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट को जन्म दिया है और देश के कुछ हिस्सों को अकाल की स्थिति में धकेल दिया है।
भारत के बाद अब दक्षिण अफ्रीका ने भी बांग्लादेशी घुसपैठियों को अपने देश से बाहर निकालने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत पहली खेप में 16 बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया है।
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शनिवार को 12 मंजिला एक इमरात में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। दमकलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद 42 लोगों को बिल्डिंग से बाहर निकाला।
बांग्लादेश में चुनाव से पहले ही राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी और छात्र आंदोलन के बीच मौजूदा राष्ट्रपति के इस्तीफे को लेकर विवाद गहरा गया है।
वर्ष 2024 में भारत में सबसे अधिक पर्यटक भेजने वाले शीर्ष पांच देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा शामिल हैं।
सवाल है कि शेख हसीना के बिना बांग्लादेश के चुनाव कैसे मुमकिन हैं। क्या इस चुनाव में सभी को बराबर मौका मिलेगा और क्या इससे बांग्लादेश में फिर से लोकतंत्र स्थिर हो पाएगा। इस आर्टिकल में समझिए बांग्लादेश चुनाव की चुनौतियां।
बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ एक गंभीर सुरक्षा समस्या बन चुकी है। विभिन्न गैंग बांग्लादेशियों को भारत लाकर उन्हें फर्जी दस्तावेज बनवाकर बसाते हैं। आइए, हम आपको बताते हैं कि भारत में इन घुसपैठियों को कैसे लाया जाता है।
बांग्लादेश में आम चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है। शेख हसीना के सत्ता छोड़ने के बाद पहली बार यहां चुनाव होंगे। चुनाव के बाद उसी दिन नतीजे भी आएंगे।
घुसपैठियों के खिलाफ योगी सरकार की योजना को सर्जिकल स्ट्राइक माना जा रहा है। इस योजना के जरिए जहां आतंरिक सुरक्षा और सुदृढ़ होगी, वहीं पात्र व्यक्ति ही योजनाओं का लाभ उठा सकेगा।
उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। इसी क्रम में गोरखपुर में भी एक डिटेंशन सेंटर तैयार किया गया है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में ये मालूम चला कि अभी हाल के सालों में बांग्लादेश के विदेशी उधार में ज्यादा बढ़ोतरी तो नहीं हुई है, लेकिन पिछले कर्ज चुकाने की लागत काफी ज्यादा बढ़ गई है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की क्रिटिकल कंडीशन को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए विदेश ले जाने की तैयारी है। जिया को एयर एम्बुलेंस के जरिए लंदन ले जाया जाएगा जहां उनका इलाज होगा।
शाकिब अल हसन साल 2024 के बाद से ही बांग्लादेश की टीम के लिए कोई भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेले हैं और अब उन्होंने अपना रिटायरमेंट वापस लेने का फैसला किया है।
सरहद पार की पहचान का संकट, 103 दिन की जेल और मां-बेटे की संघर्ष भरी कहानी, सुनाली खातून का वतन वापसी का सपना आखिरकार हकीकत बना। जानें ये पूरा मामला क्या है।
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