नए नियमों के मुताबिक, अगर आप दूसरे बैंक के एटीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप मेट्रो सिटी में एक महीने में अधिकतम 3 और नॉन-मेट्रो सिटी में अधिकतम 5 फ्री ट्रांजैक्शन कर सकते हैं।
ईपीएफओ की इस पहल से 7.5 करोड़ सब्सक्राइबर्स (सदस्यों) को बड़ी सुविधा मिल जाएगी। ईपीएफओ के प्रस्ताव की सिफारिश को सीबीटी द्वारा आखिरी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
आप अपनी क्रेडिट सीमा का एक निश्चित प्रतिशत कैश के रूप में निकाल सकते हैं। कुछ बैंक में, आप क्रेडिट सीमा का 40% नकद अग्रिम के रूप में निकाल सकते हैं।
एटीएम उद्योग परिसंघ (सीएटीएमआई) चाहता है कि इंटरचेंज शुल्क को बढ़ाया जाए। एटीएम इंटरचेंज वह शुल्क है जो कार्ड जारी करने वाले बैंक की तरफ से उस बैंक को दिया जाता है, जहां कार्ड का इस्तेमाल नकद निकालने के लिए किया जाता है।
एक बार जब ये यूपीआई एटीएम देश में ज्यादा लोकेशन पर शुरू हो जाएंगे, फिर वो दिन चले जाएंगे जब आपको पैसे निकालने के लिए अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड को एटीएम तक ले जाना होता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि एक वित्त वर्ष में बैंकों से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए पैन नंबर की जानकारी देना या आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करना अनिवार्य होगा।
लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के नियमों को देखते हुए लोग बैंक जाने से बच रहे हैं और पैसे निकालने के लिए एटीएम का उपयोग कर रहे हैं।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) आगामी 1 फरवरी 2021 से अपने एटीएम से पैसे निकालने के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। पीएनबी बैंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक पीएनबी अपने ग्राहकों को बैंकिंग फ्रॉड से बचाने के लिए आगामी 1 दिसंबर 2020 से एटीएम से कैश निकालने के तरीके में बड़ा बदलाव करने जा रहा है।
रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक से धन निकालने की सीमा लगा दी है, अब जमाकर्ता 25 हजार रुपये से ज्यादा की निकासी नहीं कर सकेंगे। ये नियम फिलहाल 16 दिसंबर तक लागू रहेगा। मेडिकल और शिक्षा से जुड़े खर्चों पर विशेष अनुमति के साथ जमाकर्ता ज्यादा रकम निकाल सकते हैं।
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम के फेल्ड ट्राजेक्शन को लेकर नया नियम निकाला है, जिसका पालन ना करना बैंकों को महंगा पड़ सकता है।
बैंक की कुल संपत्ति 30 सितंबर, 2019 तक 12,88,190 करोड़ रुपए की थी और यह दुनिया के 15 देशों में अपनी सेवाएं दे रहा है।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ग्राहकों के लिए 1 जनवरी 2020 से इन तीन नियमों में बदलाव हो रहा है।
ओटीपी आधारित कैश निकालने का नया सिस्टम एसबीआई के सभी एटीएम में एक जनवरी 2020 से लागू होगा।
पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक के ग्राहकों के लिए पैसा निकालने की लिमिट को 10000 रुपए से बढ़ाकर 25000 रुपए कर दिया है।
अगर आपका खाता आईसीआईसीआई बैंक में है तो आपको झटका लगने वाला है। दरअसल, प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक ने जमा और निकासी पर शुल्क लगाया है। बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अब से बैंक के खाताधारकों को बैंक में पैसे जमा करने या निकालने पर 100 से 125 रुपए तक का शुल्क देना होगा।
राजस्व विभाग ने शुक्रवार को कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत की दर से स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) का फैसला एक सितंबर से लागू हो जायेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में 31 अगस्त, 2019 तक जो लोग पहले ही एक करोड़ रुपये की नकद निकासी कर चुके हैं, उनकी इसके बाद की सभी निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लिया जाएगा।
उपरोक्त 448 इकाइयों के मामले में प्रत्येक ने अपने बैंक खातों से साल में 100-100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि निकाली।
पिछले दो साल के दौरान देशभर में एटीएम (आटोमेटेड टेलर मशीन) की संख्या में 597 की कमी आई है।
SBI की तरह से दी गई जानकारी के मुताबिक आपके ATM या डेबिट कार्ड के जरिए कैश निकलवाने की जो लिमिट होगी उतनी ही मात्रा में GCC के जरिए कैश निकाला जा सकेगा
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