अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर कमजोर हो रहा है। यह भारतीय इकोनॉमी के लिए अच्छी खबर नहीं है।
मंगलवार को घरेलू सर्राफा बाजार में सोना और चांदी की कीमतों में उछाल देखा गया। रुपया 20 पैसे टूटकर 85.59 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.02 पर खुला और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले दिन के कारोबार के उच्चस्तर 84.78 और निचले स्तर 85.18 के बीच घूमता रहा।
Dollar Vs Rupee: डॉलर इंडेक्स 0.34% गिरकर 98.67 पर आ गया है। करीब दो महीने पहले डॉलर इंडेक्स 110 पर पहुंच गया था।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत हो रहा है। यह भारतीय इकोनॉमी और निर्यातकों के लिए अच्छी खबर है।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को एफआईआई शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 931.80 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
दुनिया की छह प्रतिस्पर्धी मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 100.38 पर आ गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं शोध विश्लेषक (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के निरंतर निवेश से रुपये को समर्थन मिला है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में मजबूती का दौर जारी है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था और आयतकों के लिए राहत की खबर है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार मजबूत हो रहा है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है।
एक्सपर्ट का मानना है कि किसी भी तेजी से व्यापारियों के लिए बिकवाली के अवसर पैदा हो सकते हैं, जबकि बाजार की स्थितियों में अनुकूल बदलाव से रुपया 85.50 की तरफ बढ़ सकता है।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापने वाला डॉलर सूचकांक 0.79 प्रतिशत घटकर 104.91 पर कारोबार कर रहा था।
रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार गिरावट है। सोमवार को यह अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। आज रुपया टूटर 87.29 पर पहुंच गया है।
पिछले कुछ महीनों में भारतीय रुपया दबाव में रहा है लेकिन यह एशिया और अन्य देशों की मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के संदर्भ में सबसे कम अस्थिर मुद्रा रही है।
13 जनवरी को रुपये में करीब दो साल में एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी और सत्र के अंत में रुपया 66 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.70 के अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ था।
रुपया टूटने का असर भारतीय अर्थव्यवस्था, आम जनता और बिजनेस जगत पर होगा। रुपये में कमजोरी आने से विदेशों से आयत करना महंगा होगा। इसके चलते जरूरी वस्तुओं की कीमत बढ़ सकती है।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा कि यह गिरावट अमेरिकी डॉलर की मजबूती के कारण है।
विदेशी मुद्रा बाजार में शुक्रवार रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4 पैसे टूटकर अबतक के सबसे निचले स्तर 85.79 पर बंद हुआ। 2024 में भारतीय रुपये में 2.9 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका की इकोनॉमी में मजबूती से डॉलर में जबरदस्त तेजी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात पर शुल्क बढ़ाने की मंशा जताई है। इस वजह से भी दुनियाभर के मुद्रा कारोबारियों के बीच डॉलर की मांग बढ़ी है।
Rupees vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया एक बार फिर कमजोर हो गया है। रुपये में गिरावट से एक ओर जहां व्यापार घाटा बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर जरूरी सामान के दाम में बढ़ोतरी होगी।
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