भारत ने हाल ही में भारत ने तय लक्ष्य से पांच महीने पहले 10 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल किया था। अब अगला लक्ष्य 2025-26 तक 20% ब्लेंडिंग का है। इसी दिशा में बढ़ते हुए सरकार यह रियायत देने की कोशिश कर रही है।
भारत दुनिया में अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद एथनॉल का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है।
मोदी सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत ब्लेंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इथेनॉल के लिए जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। बता दें कि, ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाया जाता है।
2020-21 विपणन वर्ष (दिसंबर-नवंबर) में पेट्रोल में एथनॉल का मिश्रण 8 प्रतिशत पर पहुंच गया है और इसके अगले साल 10 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है। भारत ने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय किया है।
चीनी का कोटा उनके पास मौजूद स्टॉक, निर्यात प्रदर्शन और चीनी के एथनॉल में बदलने के आधार पर तय किया जाता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि हम सभी वाहन निर्माताओं के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाना अनिवार्य करने जा रहे हैं। यह ऐसे इंजन हैं जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं।
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि.(बीपीसीएल) ने पेट्रोलियम विपणन कंपनियों की ओर से 27 अगस्त को पहला ईओआई प्रकाशित किया था। इसे 17 सितंबर को खोला गया। अभी इन बोलियां का आकलन किया जा रहा है।
अगले 2-3 सालों में 75000 पेट्रोल पंपों में से 50,000 पर ईवी चार्जर स्थापित किए जाएंगे। राजमार्गों और शहरों में चार्जिंग सुविधाएं स्थापित करने के लिए विभिन्न मंत्रालय और सरकारी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
सभी निजी वाहन विनिर्माताओं से वाहन के सभी मॉडल और श्रेणियों में कम से कम 6 एयरबैग अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने की अपील
देश में इथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादक के रूप में उत्तर प्रदेश का नाम पहले नंबर पर आया है।
एथेनॉल पेट्रोल की तुलना में बेहतर ईंधन है और यह एक आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी है।
आपके वाहन चलाने का खर्च 35 रुपए प्रति लीटर घटने वाला है। वाहन चलाने वालों के लिए बड़ी खबर है। पेट्रोल डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर बड़ी राहत की खबर आई है।
देश के कई राज्यों में तेल की कीमत 100 रुपए प्रति लीटर के आंकड़े के करीब पहुंच चुकी है इसमें पेट्रोल और डीजल दोनों शामिल है वहीं कही पर 100 के आंकड़े को पार कर गई है।
एथेनॉल पर ध्यान केंद्रित करने से पर्यावरण के साथ ही एक बेहतर प्रभाव किसानों के जीवन पर भी पड़ रहा है।
सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है जिससे देश को महंगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।
सियाम के प्रतिनिधियों ने कोविड-19 महामारी की वजह से भारत चरण-छह सीएएफई चरण दो-नियमनों को एक अप्रैल, 2024 तक टालने का आग्रह किया।
पिछले साल सरकार ने 2022 तक पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथनॉल मिश्रण (90 प्रतिशत पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण) और 2030 तक 20 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था।
सरकार ने एथेनॉल की कीमत में 5 प्रतिशत वृद्धि को मंजूरी दे दी। वहीं जूट उद्योग की मदद के लिए सरकार ने खाद्यान्नों की सौ फीसदी पैकिंग और चीनी की 20 प्रतिशत पैकिंग जूट की बोरियों में किया जाना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार की इस योजना का मकसद चीनी मिलों को गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत सरकार ने अनुदान को दोगुना कर दिया है,
केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की कि मिलों को गन्ने के शीरे से अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन करने के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह प्रदूषणकारी नहीं है।
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