नेपाल की अर्थव्यवस्था को लेकर आपके मन में कई सवाल हो सकते हैं। हाल के समय में, देश के विदेशी मुद्रा भंडार और सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि के अनुमानों ने वैश्विक स्तर पर ध्यान खींचा है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि FY26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8% की दर से बढ़ेगी। ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के बावजूद घरेलू मांग, कृषि और सेवा क्षेत्रों की मजबूती से ग्रोथ पर असर सीमित रहेगा।
IMF ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों का असर अनुमान से कम रहने के आधार पर वैश्विक अर्थव्यवस्था और अमेरिका की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ा दिया है।
रिपोर्ट कहती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ है। तिमाही आधार पर दोपहिया वाहनों की बिक्री में नौ प्रतिशत और ट्रैक्टर की बिक्री में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक समिति अगस्त में अपनी अगली द्विमासिक नीति की घोषणा करने वाली है।
एशियाई विकास बैंक ने भारत के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को घटा दिया है। एडीबी ने यह कमी अमेरिकी टैरिफ और उससे जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष विराम पर सहमत होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के संबंध में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर के 4.2 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) चालू वित्त वर्ष के लिए 2.7 प्रतिशत से ज्यादा रहेगा।
विश्व बैंक ने कहा है कि वैश्विक मंदी की उम्मीद नहीं है। अगर प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं व्यापार तनाव को कम करने में सक्षम हैं, तो वैश्विक विकास उम्मीद से अधिक तेजी से बढ़ सकता है।
वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने राष्ट्रीय खातों के अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2024-25 के लिए देश की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी।
ब्याज दरों में और ढील एक और उम्मीद है। ग्रामीण मांग बढ़ रही है, जबकि शहरी मांग थोड़ी स्थिर रही है, हालांकि यह भी कुछ तिमाहियों में बढ़ना शुरू हो जाएगी।
मूडीज को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक विकास को समर्थन देने के लिए बेंचमार्क नीति दरों को और कम करेगा। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि निवेशकों और कारोबार की लागत बढ़ने की संभावना है।
भारत 2027 में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, जिसका सकल घरेलू उत्पाद 5069.47 बिलियन डॉलर होगा।
एसएंडपी ने मार्च में लगाए अपने पिछले अनुमान में भी भारत की जीडीपी वृद्धि के वित्त वर्ष 2025-26 में 6.7 प्रतिशत से घटकर 6.5 प्रतिशत रहने की बात कही थी।
सरकारी डेटा के जरिए मालूम चला कि वास्तविक जीडीपी 2024 की चौथी तिमाही में 2.4 प्रतिशत से अपने वर्तमान स्तर पर गिर गई।
पाकिस्तान स्टेट बैंक के आंकड़े बताते हैं कि पाकिस्तान का ग्रॉस पब्लिक डेट उसके जीडीपी का 67.5 प्रतिशत है।
वैश्विक वृद्धि में मंदी की वजह से भारत के निर्यात क्षेत्र को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कई कम आय वाले देशों को बिगड़ती बाहरी वित्तीय स्थितियों, अस्थिर ऋण और कमजोर घरेलू विकास के सही तूफान का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती आबादी और विकसित आर्थिक ढांचे के साथ, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में अतिरिक्त निवेश करना होगा।
चालू वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-फरवरी अवधि में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली की ग्रोथ रेट 4.4 प्रतिशत रही।
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