जानकारों का कहना है बहुमूल्य धातु की कीमत में गिरावट अमेरिकी डॉलर की मजबूती और यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की नई कोशिशों की रिपोर्ट के बाद सुरक्षित निवेश की मांग कमजोर होने के चलते आई।
मंगलवार को सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई थी। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 3900 रुपये टूटकर 1,25,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
अमेरिकी फेड की पिछली नीतिगत बैठक के विवरण जारी होने पर सबकी नज़र है। दरों में कटौती हुई तो इसका असर आने वाले दिनों में सोने पर भी देखने को मिल सकता है।
सोमवार को चांदी के दाम में 1000 रुपये की गिरावट दर्ज की गई थी। पिछले हफ्ते शुक्रवार को चांदी की कीमतों में 4200 रुपये की बड़ी गिरावट आई थी। बीते 3 सत्रों में चांदी की कीमतों में कुल 13,000 रुपये की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।
सोना-चांदी खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए आज का दिन किसी ‘गोल्डन ऑपर्च्युनिटी’ से कम नहीं है। कीमती धातुओं में अचानक आई बंपर गिरावट ने बाजार में हलचल मचा दी है और ज्वेलरी शोरूम्स से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक पर खरीदारों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ी है।
जहां एक तरह आज सोने की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई है, वहीं दूसरी ओर आज चांदी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली।
नवंबर में निर्यात में फिर से तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि चीनी बाजार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं और अन्य प्रमुख बाजारों में क्रिसमस की मांग रहेगी।
जानकार का कहना है कि फेड के अधिकारियों के बयान और डॉलर इंडेक्स में मजबूती ने सोने की कीमतों पर दबाव डाला।
कमजोर डॉलर, अमेरिकी शटडाउन के अंत और संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदों के चलते सोने और चांदी ने तेज़ी पकड़ी है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर फेडरल रिज़र्व और नरम रुख अपनाता है, तो आने वाले हफ्तों में बुलियन मार्केट में और तेजी देखने को मिल सकती है।
सोने और चांदी की चमक कम होने का नाम नहीं ले रही। 13 नवंबर, गुरुवार की सुबह कमोडिटी मार्केट खुलते ही दोनों कीमती धातुओं में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। जहां सोने के दाम में लगातार उछाल जारी है, वहीं चांदी ने तो रफ्तार पकड़ ली है और निवेशकों को चौकाने वाला रिटर्न दे रही है।
बुधवार को चांदी की कीमतों में भी ताबड़तोड़ तेजी देखने को मिली। आज चांदी की कीमतें 5540 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 1,61,300 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) पर पहुंच गईं।
वित्तीय सेवा फर्म जेपी मॉर्गन का अनुमान है कि सोने की कीमतों को लंबी अवधि में समर्थन हासिल रहेगा, और केंद्रीय बैंकों की निरंतर खरीद के कारण ग्लोबल मार्केट में अगले वर्ष इसके 5,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर रहने की उम्मीद है।
दिसंबर डिलीवरी के लिए सोने और चांदी की कीमत में उछाल देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सोने की कीमतों में आगे भी काफी उतार-चढ़ाव के दौर आ सकते हैं।
आरबीआई के नीतिगत दर में कटौती, बेहतर नकदी और बैंकों के विनियमन में ढील और आय में सुधार जैसी आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाली नीतियों के कारण अनुमान को बढ़ाया गया है।
सोमवार को हाजिर सोना 83.12 डॉलर या 2.08 प्रतिशत बढ़कर 4,082.84 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि हाजिर चांदी 3.30 प्रतिशत बढ़कर 49.93 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
अक्टूबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सोने की कीमतों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। निकट भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। विशेषज्ञ गिरावट पर इन्हें खरीदने की सलाह दे रहे हैं।
सोना और चांदी दोनों ही सुरक्षित निवेश के विकल्प हैं। हालांकि, चांदी की औद्योगिक मांग भी बहुत ज्यादा है और सोना, चांदी की तुलना में कम अस्थिरता के साथ बेहतर पूंजी संरक्षण प्रदान करता है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले सप्ताह 165 रुपये या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
सेबी ने कहा कि ऐसे डिजिटल गोल्ड प्रोडक्ट सेबी-रेगुलेटेड गोल्ड प्रोडक्ट्स से अलग हैं, क्योंकि इन्हें न तो सिक्यॉरिटी के रूप में नोटिफाई किया गया है और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव के रूप में रेगुलेट किया गया है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर आपूर्ति वाले सोने का वायदा भाव पिछले हफ्ते 165 रुपये यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
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