कमजोर डॉलर और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर कटौती की बढ़ती उम्मीदों के चलते मंगलवार को सोना एक और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
बुधवार को होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में अगर ब्याज दरों में कटौती होती है तो सोने की कीमतों को और समर्थन मिल सकता है। हालांकि फेड के लिए फैसला लेना आसान नहीं होगा।
सोना अब सिर्फ महंगाई से सुरक्षा का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती और डॉलर में कमजोरी के चलते भी निवेशकों की पसंद बना हुआ है।
आज चांदी 300 रुपये बढ़कर 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शुक्रवार को चांदी की कीमतें 1,32,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने का भाव नरम रहा। निवेशक फिलहाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व की होने वाली महत्वपूर्ण नीति बैठक का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, चांदी की कीमतों में मामूली तेजी दिखी।
शुक्रवार को सोने और चांदी की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बनाया। वैश्विक मांग में मज़बूती और अगले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीदों से प्रेरित होकर, सोने का भाव ₹1,13,800 प्रति 10 ग्राम और चांदी का भाव ₹1,32,000 प्रति किलोग्राम के पार चला गया।
अमेरिका के कमजोर आर्थिक आंकड़ों के चलते अमेरिकी फेडरल रिजर्व 17 सितंबर की अपनी बैठक में ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है। इसकी वजह से सोने की कीमतों पर असर देखने को मिल सकता है।
सोने में निवेश फिलहाल आकर्षक नजर आ रहा है, लेकिन मौजूदा रिकॉर्ड स्तरों पर खरीदारी करते समय सतर्कता बरतना जरूरी है, क्योंकि किसी भी वैश्विक या आर्थिक बदलाव से कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
बीते कुछ दिनों से सोने की कीमतों में लगातार मजबूती देखने को मिली है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और अन्य कई कारकों ने सोने की कीमतों को हाल के समय में तेजी की ओर मजबूती से धकेला है।
आज 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 250 रुपये बढ़कर 1,12,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
साल 2025 में रिटर्न देने के मामले में Silver ETF ने गोल्ड ईटीएफ को भी पीछे छोड़ दिया। सिल्वर ईटीएफ ने इस साल अभी तक औसतन लगभग 42.67% रिटर्न दिया है।
राजधानी दिल्ली में आज 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने का भाव 5,080 रुपये की रिकॉर्ड बढ़ोतरी के साथ 1.12 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के नए लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने ये जानकारी दी।
सोने ने इस साल अपने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। अब तक सोने की कीमत में करीब 42% की बढ़त दर्ज की गई है, जबकि इक्विटी बेंचमार्क निफ्टी 50 सिर्फ 4% के करीब चढ़ा है।
सोमवार को चांदी भी बिकवाली के दबाव में रही और 1,000 रुपये की गिरावट के साथ 1,26,000 रुपये प्रति किलो रह गई।
जानकारों का कहना है कि फेस्टिव सीजन और ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते, सोने और चांदी की मांग आगे भी बनी रह सकती है। अमेरिकी प्रशासन ने सोने और कुछ अन्य धातुओं पर टैरिफ छूट देने का ऐलान किया है, जिससे डिमांड को और बल मिलेगा।
MCX पर शुक्रवार को सोने का अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट 1,131 रुपये या 1.06 प्रतिशत बढ़कर 1,07,807 रुपये प्रति 10 ग्राम के लाइफटाइम हाई पर पहुंच गया था।
जानकारों का कहना है कि भविष्य में भी सोने की कीमतों में वृद्धि का रुझान देखने को मिलेगा। 16-17 सितंबर को होने वाली अपनी अगली बैठक में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो निवेशक सोने जैसे सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित होते हैं।
वैश्विक बाजारों में भी सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई। पिछले कुछ सत्रों में सोने में जबरदस्त तेजी देखी गई थी। गुरुवार को इसमें गिरावट मुख्य रूप से मुनाफावसूली के चलते आई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया यानी MCX पर अक्टूबर वायदा सोना और चांदी दोनों के भाव लुढ़क गए। इंटरनेशनल मार्केट में भी सोने की कीमतों पर दबाव देखने को मिला।
सोने की मौजूदा तेजी महज महंगाई से सुरक्षा नहीं, बल्कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की ओर भी इशारा कर रही है। जानकारों का कहना है कि निवेशकों के लिए यह सतर्कता और रणनीति के साथ आगे बढ़ने का समय है।
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