सोने और चांदी की चमक कम होने का नाम नहीं ले रही। 13 नवंबर, गुरुवार की सुबह कमोडिटी मार्केट खुलते ही दोनों कीमती धातुओं में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। जहां सोने के दाम में लगातार उछाल जारी है, वहीं चांदी ने तो रफ्तार पकड़ ली है और निवेशकों को चौकाने वाला रिटर्न दे रही है।
बुधवार को चांदी की कीमतों में भी ताबड़तोड़ तेजी देखने को मिली। आज चांदी की कीमतें 5540 रुपये की जोरदार तेजी के साथ 1,61,300 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) पर पहुंच गईं।
सोमवार को हाजिर सोना 83.12 डॉलर या 2.08 प्रतिशत बढ़कर 4,082.84 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि हाजिर चांदी 3.30 प्रतिशत बढ़कर 49.93 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव पिछले सप्ताह 165 रुपये या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर आपूर्ति वाले सोने का वायदा भाव पिछले हफ्ते 165 रुपये यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
निवेशक आने वाले सप्ताह में फेडरल रिज़र्व अधिकारियों के भाषणों और अमेरिका तथा भारत के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक डेटा पर नजर बनाए रखेंगे, जो मार्केट की दिशा तय करेंगे।
सुरक्षित निवेश की मांग और अमेरिकी डॉलर में मामूली गिरावट के कारण गुरुवार को सोने में तेजी आई।
सोने की कीमतों में बीते कुछ सत्रों से लगातार उतार-चढ़ाव जारी है। जानकारों का कहना है कि दोनों बहुमूल्य धातुओं की कीमत में अभी आगे भी उथल-पुथल देखने को मिल सकता है।
भारत समेत दुनियाभर में सोने और चांदी की कीमतों में लगातर गिरावट देखी जा रही है। सोने-चांदी की कीमतों में जारी गिरावट के बीच शादी-विवाह के सीजन में खरीदारी करने वाले लोगों को राहत मिली है।
सोने के साथ ही चांदी में भी तेज बिकवाली देखी गई। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने अगले महीने और अधिक दर कटौती की संभावना को खारिज कर दिया, जिससे निवेशकों का ध्यान सोने से हटकर अन्य सुरक्षित निवेशों की ओर गया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने अतिरिक्त मौद्रिक सहजता पर संयम बरतने का संकेत दिया, जिसके चलते ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमत में नरमी देखने को मिल रही है।
सोने के दाम में कमी के पीछे अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के बाद सुरक्षित-पसंद मांग में कमी आना है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में, हाज़िर सोना $4,000 से नीचे फिसल गया।
सोने और चांदी की कीमतों में इस वृद्धि का कारण वैश्विक बाजारों में बढ़ते निवेशकों की मांग, और आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण कमोडिटी मार्केट में सकारात्मक रुझान हो सकता है।
पिछले हफ्ते सोने की कीमतें लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुईं, लेकिन बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
सोने की कीमत गिरने का पहला और सबसे बड़ा कारण अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व का बयान है। सोने की कीमत ने इस साल कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। चांदी ने भी बराबर का साथ दिया।
लगातार नए रिकॉर्ड ध्वस्त करने के बाद पिछले कुछ सत्र से सोने और चांदी की कीमत में नरम रुख देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अभी आगे इन बहुमूल्य धातुओं की कीमत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
फेडरल रिजर्व की अहम बैठक से पहले सोने की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिला है। दो दिन की लगातार गिरावट के बाद बुधवार को गोल्ड ने रफ्तार पकड़ी और निवेशकों को चौंका दिया।
बुधवार को सुबह 9:08 बजे एमसीएक्स पर सोने का भाव 401 रुपये (0.34%) बढ़कर ₹1,20,047 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जबकि चांदी 989 रुपये (0.69%) की तेजी के साथ 1,45,331 रुपये प्रति किलो के दाम पर कारोबार कर रही थी।
सोने की कीमत में बीते कुछ सत्र से लगातार नरम रुख देखने को मिल रहा है। चांदी की कीमत भी अपने ऑल टाइम हाई से नीचे आती गई है। आने वाले समय में दोनों बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
Silver Gold Rates: सर्राफा व्यापारियों ने कहा कि अमेरिका और चीन से लंदन में चांदी के बड़े प्रवाह ने फिलहाल कीमतों को कम करने में मदद की है।
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