16 अक्टूबर को मंगल का मिथुन राशि में गोचर होगा। ज्योतिष के अनुसार मंगल के इस राशि परिवर्तन का प्रभाव कई अन्य राशियों पर भी पड़ेगा। हालांकि कुछ राशि वाले जातकों को इसका लाभ भी मिलने वाला है।
वैज्ञानिकों के एक अंतरराष्ट्रीय दल को मंगल के दक्षिण ध्रुवीय आइस कैप के नीचे तरल रूप में पानी के संभावित अस्तित्व के नए सुबूत मिले हैं। किसी ग्रह का ऊपरी भाग जो बर्फ से ढका हो उसे ‘आइस कैप’ कहते हैं।
Mangalyaan: भारत के मंगलयान में ईंधन खत्म हो गया है और इसकी बैटरी अपनी क्षमता से भी कहीं ज्यादा चलने के बाद खत्म हो गई है। इसके बाय ये अटकलें तेज हो गई हैं कि देश के पहले अंतर्ग्रहीय मिशन ने आखिरकार अपनी लंबी पारी पूरी कर ली है।
Shukra Grah Ast 2022: सिंह राशि में अस्त होने जा रहे हैं शुक्र, इन राशियों के लोग रहें सतर्क! Shukra Grah Ast 2022 know the astrological rashi parivartan of venus settings in leo people of these 4 zodiac signs should be alert
Nasa: धरती पर हवा और पानी है इसलिए जीवन संभव है। जीने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो फिलहाल धरती पर ही मौजूद है लेकिन अब ऐसा लगता है कि मंगल पर जीवन संभव हो सकता है।
If The Sun Disappears: 1 दिन में पूरे 24 घंटे होते हैं। दिन-रात मिलाकर पूरे 24 घंटे गुजरते हैं। जब रात होती है तो अगले दिन सुबह होने की इंतजार रहती है। आपने कभी सोचा है कि अगर सुबह कल हो ही ना।
Nasa: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में मंगल की सतह की कई अनोखी तस्वीरें जारी की हैं। इसमें इस मंगल ग्रह पर बने गड्ढे की तस्वीर लोगों का ध्यान खींचा है. दरअसल, यह क्रेटर देखने में इंसान के कान जैसा है।
NASA Mars: जब अंतरिक्ष से मंगल पर एयरक्राफ्ट उतरता है, तो उसकी गति 19,312 किलोमीटर प्रति घंटा होती है। जो मंगल के वातावरण के कारण घर्षण की वजह से अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करता है।
आज तक, सैटेलाइट और रॉकेटों के मलबे से पृथ्वी की सतह (या वायुमंडल में हवाई यातायात) को नुकसान पहुंचने की संभावना को नगण्य माना गया है। ऐसे अंतरिक्ष मलबे के अधिकांश अध्ययनों ने निष्क्रिय सैटेलाइट द्वारा कक्षा में उत्पन्न जोखिम पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कार्यशील सैटेलाइट के सुरक्षित संचालन में बाधा डाल सकता है।
मंगल पर मौजूद घाटी अमेरिका के ग्रैंड कैन्यन से 20 गुना बड़ी है। ग्रैंड कैन्यन की लंबाई 445 किलोमीटर है, जबकि इसकी चौड़ाई 28 किलोमीटर है। यूरोप के अल्प्स की पहाड़ियों पर मौजूद सबसे ऊंचा पहड़ा माउंट ब्लांक समुद्र तल से 15,000 फीट ऊंचा है।
यूरेनस का केवल एक हिस्सा सूर्य की ओर रहता है। यह सूर्य से अधिक दूर नहीं है, फिर भी यह एक ठंडा ग्रह है। हालांकि 1986 में मानव निर्मित मशीन वोयागर-2 अंतरिक्ष यान इसके करीब से गुजरा था।
जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी और काजिमा कंस्ट्रक्शन एक ग्लास बनाने वाले हैं। इसका मतलब है कि इंसान एक आर्टिफिशियल स्पेस हैबिटेट में रहेगा। जिसकी ग्रैविटी पृथ्वी के बराबर होगी।
ज्योतिष में मंगल का विशेष स्थान है। मंगल के इस राशि परिवर्तन से कुछ राशि वालों को लाभ होगा तो कुछ राशि वालों को नुकसान होने की संभावना है। जानिए मंगल के मेष राशि में आने से कैसा रहेगा सभी राशियों का हाल।
ज्योतिषी चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं कि मंगल के मेष राशि में गोचर से किन 4 राशियों को धनलाभ होने वाला है।
26 मार्च 2022 को मंगल ने मकर राशि में गोचर किया था। इस राशि में पहले से शनि का गोचर चल रहा था, और शनि-मंगल का साथ होना युद्ध जैसा होना था। अब मंगल के कुंभ राशि में गोचर से विश्व शांति स्थापित होगी।
मंगल के तुला राशि में प्रवेश से किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जानिए।
चीन के ‘नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर कहा कि झुरोंग ने अपना 90 दिन का कार्यक्रम 15 अगस्त को पूरा किया और वह बेहतरीन तकनीकी स्थिति में तथा पूरी तरह चार्ज है। इसने कहा कि रोवर यूटोपिया प्लैनिटिया के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र का पता लगाना जारी रखेगा जहां यह 14 मई को उतरा था।
चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने इसकी यान के मंगल ग्रह पर उतरने की पुष्टि की है। तियानवेन-1 (Tianwen-1) नाम के इस यान को चीन ने 23 जुलाई 2020 को लॉन्च किया था।
नासा के प्रायोगिक मंगल हेलीकॉप्टर ने 19 अप्रैल को धूलभरी लाल सतह से पहली उड़ान भरी थी और किसी अन्य ग्रह पर पहली नियंत्रित उड़ान की उपलब्धि हासिल की। इस घटनाक्रम की तुलना राइट ब्रदर्स के प्रयोग से की जा रही है।
हाल में मंगल की सतह पर उतरे नासा के रोवर ने इस सप्ताह लाल ग्रह पर अपने पहले प्रायोगिक मुहिम में 21 फुट की दूरी तय की। मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तलाशने की मुहिम के तहत पर्सेवियरेंस रोवर ग्रह की सतह पर उतरने के दो सप्ताह बाद अपने स्थान से कुछ दूर चला।
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