ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि एस्टोनिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के साथ कम्यूनिकेशन नहीं कर पाने के चलते रूसी विमान को एस्कॉर्ट करने के लिए नाटो के दो विमानों को भेजा गया।
यूक्रेन पर रूस की आक्रमकता बिना किसी वजह की एक ऐसी घटना है, जो पश्चिमी देशों और चीन के साथ रूस के रिलेशन को फिर से एक अलग तरह से देखा जा रहा है। रूस-यूक्रेन में जारी जंग के कई और मायने भी हैं, जो सामने आ रहा है।
बाइडन अब बुधवार को पोलैंड में 'नाटो' के पूर्व क्षेत्र के नेताओं से मुलाकात कर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। नाटो के पूर्वी देश रूस के हमले की सबसे ज्यादा जद में हैं। यदि भविष्य में जंग और गहराई तो ऐसी स्थिति में 'नाटो' के पूर्वी देशों को क्या करना होगा, इस रणनीति पर भी चर्चा की उम्मीद है।
यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क शहरों के विवाद के अलावा युद्ध का दूसरा बड़ा कारण कीव का उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने के लिए पेश किया जाने वाला दावा भी था। रूस नहीं चाहता था कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने, लेकिन जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की जिद पाल ली थी। नतीजा सामने है।
अमेरिका ने यूक्रेन को नए हथियारों और युद्ध सामग्री के लिए 2.2 अरब डॉलर देने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी एएफपी ने यह जानकारी दी है। वहीं AFP न्यूज एजेंसी ने फ्रांसीसी मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी कि 'फ्रांस, इटली यूक्रेन को मिसाइल सिस्टम भेजेंगे।'
यूक्रेन द्वारा नाटो के सदस्य देशों को दी गई विशलिस्ट में 500 टैंक, 200 युद्धक विमान, 1,000 तोपें, 1,000 ड्रोन और 300 मिसाइल लांचर की मांग की गई है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी सैन्य आक्रमण का सामना करने के लिए उन्हें तत्काल इन हथियारों की आवश्यकता है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने कहा है कि जब तक स्वीडन में कुरान जलाई जाती रहेगी, तब तक वह स्वीडन को नाटो में शामिल नहीं होने देंगे। हालांकि, एर्दोगन का नाटो सदस्यता के लिए फिनलैंड के आवेदन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है।
यूरोप में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अब एशिया में ताइवान-चीन युद्ध भी देखने को मिल सकता है। इस भारी आशंका के मद्देनजर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद अब एशिया में ताइवान-चीन के बीच युद्ध की आशंका जाहिर की है।
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन युद्ध लगातार भीषण होता जा रहा है। करीब 11 महीने से चल रहा यह युद्ध अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। जनवरी के आरंभ से ही रूस यूक्रेन पर दोबारा हावी होता जा रहा था। रूस का दावा था कि वह जल्द ही यूक्रेन को हरा देगा।
राजदूत एंटोनोव ने दावा किया कि रूस-यूक्रेन दुश्मनी की वजह अमेरिका है। वह रूस के खिलाफ रणनीतिक हार के लिए यूक्रेन को प्रॉक्सी के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
Russia-Ukraine War: यूक्रेन के पास जमीनी लड़ाई लड़ने के लिए टैंक नहीं हैं। जर्मनी ने वादा करने के बाद भी तेंदुआ 2 टैंक की अभी तक यूक्रेन को सप्लाई नहीं दी है। इससे युद्ध में यूक्रेनी सेना रूस के सामने पस्त होने लगी हैं। हालत यह है कि विभिन्न क्षेत्रों से अपनी जान बचाने के लिए यूक्रेनी सैनिक युद्ध का मैदान छोड़ रहे हैं।
Russia NATO India: लावरोव ने कहा कि हम जानते हैं कि चीन इस तरह के उकसावे को कितनी गंभीरता से लेता है। नाटो देश दक्षिण चीन सागर और ताइवान में तनाव बढ़ाकर आग से खेल रहे हैं।
NATO & western Countries Pauper by giving Arms to Ukraine:रूस के साथ युद्ध चलते अब नौ महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है। रूस से मुकाबले के लिए अब यूक्रेन में हथियारों की भूख और बढ़ रही है। मगर इधर यूक्रेन को हथियारों की खेप भेज-भेजकर नाटो समेत पश्चिमी देश भी कंगाल हो चुके हैं।
रूस ने एक बार फिर से यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं। इस हमले में रूस की कुछ मिसाइलें नाटो देश पोलैंड पर जा गिरीं। मिसाइल गिरने से पोलैंड के दो नागरिकों की मौत हो गई। हमले के बाद पोलैंड ने अपनी सेना की टुकड़ी को मौके पर रवाना कर दिया है। अमेरिका ने नाटो क्षेत्र की एक-एक इंच जमीन की रक्षा करने के वादे को दोहराया है।
Nuclear Bomb: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद क्या अब एक बार फिर दुनिया परमाणु युद्ध की चपेट में आ चुका है, क्या यूक्रेन से पहले रूस पर ही परमाणु बम से हमला हो सकता है?...यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि अचानक नाटो सेनाओं ने परमाणु हमले का अभ्यास करना शुरू कर दिया है।
Ukraine War: मध्य और पूर्वी यूरोप के नौ देशों को डर है कि यूक्रेन के बाद रूस उन्हें अपना निशाना बना सकता है। उन्होंने यूक्रेन के क्षेत्रों को रूस में मिलाए जाने का जवाब देने का अनुरोध किया है। नाटो की सदस्यता के लिए सभी 30 देशों की मंजूरी मिलनी आवश्यक है।
Russia-Ukraine War Update:यूक्रेन के चार बड़े क्षेत्रों को रूस में विलय करने के बाद पुतिन अब युद्ध को और आगे नहीं बढ़ाना चाहते। जाहिर है कि यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों से धीरे-धीरे वह अपनी सेना वापस बुला सकते हैं।
Russia-Ukraine: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ज़ेलेंस्की ने कहा कि जब तक राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सत्ता में हैं, वह रूस के साथ बातचीत नहीं करेंगे।
World News: एशिया में अमेरिका, भारत, जापान की घेराबंदी से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अब 'एशियाई नाटो' से सामना करने के लिए ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) को अपना समर्थन दे रहे हैं।
Russia-Ukraine War: पिछले छह महीने से यूक्रेन से युद्ध लड़ते-लड़ते सिर्फ रूस का ही हाल बुरा नहीं हुआ है, बल्कि इससे पूरा यूरोप प्रभावित हुआ है। एक रिपोर्ट के दावे के अनुसार यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए गोला-बारूद और हथियार देने वाले नाटो देश यानि कि यूरोपी संघ अब कंगाल हो चुका है।
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