आरबीआई के नेतृत्व में एमपीसी की बैठक में इस बार नीतिगत दरों को लेकर कोई बड़ा बदलाव होने की संभावना कम है, लेकिन विशेषज्ञों की राय और आर्थिक आंकड़े आने वाले महीनों में ब्याज दरों में संभावित नरमी की ओर इशारा कर रहे हैं। EMI सस्ती होगी या नहीं, इसका फैसला 1 अक्टूबर को RBI की नीति घोषणा से साफ होगा।
रिजर्व बैंक के जून बुलेटिन में छपे एक लेख में जोर दिया गया कि वित्तीय स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और एचडीएफसी बैंक सहित कई बड़े बैंकों ने दरों में कटौती का ऐलान किया है।
महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग का यह फैसला 2030 तक 45,000 मेगावाट में से 31,000 मेगावाट अक्षय स्रोतों से हासिल करने की योजना के बाद आया है।
Bank of Maharashtra ने कहा कि ब्याज दरों में कमी का यह लाभ बैंक की अपने सभी ग्राहकों को सर्वोत्तम वित्तपोषण समाधान प्रदान करने और उनके सपनों को पूरा करने में मदद करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बैंक की तरफ से की गई इस कटौती से नए और मौजूदा खुदरा (होम, ऑटो, पर्सनल लोन आदि) और एमएसएमई उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद होगा। कई बैंकों ने कर्ज की दरों में कटौती की है और बाकी बैंक भी जल्द ही ऐसा करेंगे।
पंजाब नेशनल बैंक ने 9 जून, 2025 से प्रभावी अपने आरएलएलआर में 50 आधार अंकों की कटौती की है। इससे बैंक ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी।
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट का कहना है कि ब्याज दर में कटौती से ऑटो क्षेत्र पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। उपभोक्ताओं और व्यवसायों दोनों के लिए उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है।
एसबीआई की तरफ से की गई 3 करोड़ रुपये से कम की खुदरा घरेलू सावधि जमाओं (एफडी) पर ब्याज दरों में कटौती आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों दोनों पर लागू है।
बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो रेट में की गई 0.25% की कटौती का फायदा अपने ग्राहकों तक पहुंचाने का ऐलान किया है। इससे कई तरह के लोन सस्ते हो जाएंगे।
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य और खाद्य मुद्रास्फीति में भी फरवरी में भारी गिरावट देखी गई, जो एक महीने पहले 4. 59 प्रतिशत से घटकर 3. 79 प्रतिशत हो गई।
अर्थशास्त्रीने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिए विकास के दृष्टिकोण से वैश्विक बाजार कम प्रासंगिक हो गया है, और कहा कि वैश्विक घटनाएं विपरीत हैं, लेकिन अर्थव्यवस्था उनके बीच लचीली हो सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आरबीआई वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए कोई पूर्वानुमान जारी करेगा, हालांकि आमतौर पर इसे अप्रैल की नीति में प्रकाशित किया जाता है।
फेड रिजर्व ने कहा कि जॉब मार्केट मजबूत है। बेरोजगारी दर हाल के महीने में निचले स्तर पर स्थिर हो गई है। फिर भी पिछले महीने भर्ती में तेजी आई और बेरोजगारी दर थोड़ी कम होकर 4.1% पर आ गई।
आरबीआई ने पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के तहत पिछली 11 नीति समीक्षाओं के लिए दरों को बरकरार रखा है और अब सभी की निगाहें फरवरी में उनके उत्तराधिकारी संजय मल्होत्रा के तहत पहली दर समीक्षा पर टिकी हैं।
भारतीय बाजारों के लिए, सबसे अनुकूल अवधि जुलाई 1990 से फरवरी 1994 तक फेड की ब्याज दर में कटौती का चक्र था। इस दौरान निफ्टी में 310 प्रतिशत की जबरदस्त उछाल देखी गई थी।
Rate Cut in US : पहले ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व मार्च से प्रमुख ब्याज दर में कटौती करना शुरू कर देगा। लेकिन अब ऐसे आसार नहीं लग रहे हैं। इकॉनोमी सुस्त नहीं हो रही है और महंगाई के संकेत देखने को मिल रहे हैं।
Bajaj Finserv, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी, यस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक भी फेस्टिव सीजन में अपने होम लोन की दरों में कटौती कर चुके हैं।
इससे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा, एचएसबीसी बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक ने भी घर के कर्ज को सस्ता किया है। कटौती के बाद शुरुआती दरें 6.45 प्रतिशत से 6.70 प्रतिशत तक हैं।
यूको बैंक ने होम लोन पर ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत घटा दी है। संशोधित दरें बुधवार से प्रभाव में आ गयी हैं। बैंक ने बयान में कहा कि संशोधित आवास ऋण पर ब्याज दर 6.90 प्रतिशत से शुरू होगी।
30 लाख रुपये से अधिक के आवास ऋण पर ब्याज दर में 0.10 प्रतिशत की कटौती की गयी है। महिला आवेदकों को इस तरह के कर्ज पर ब्याज दर में 0.05 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलेगी। इस तरह महिला आवेदकों को ब्याज कुल 0.15 प्रतिशत सस्ता पड़ेगा।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़