भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख एक्सचेंज एनएसई के आईपीओ का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है। NSE सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े शेयर बाजार एक्सचेंजों में से एक है।
SEBI में ग्रेड ए ऑफिसर पदों पर भर्ती निकली है। कब शुरू होंगे आवेदन, क्या है सेलेक्शन प्रोसेस? आइए इस खबर के जरिए इन सवालों के जवाब को जानते हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) यानी कुल खर्च अनुपात से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव प्रस्तावित किया है।
म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक बड़ा बदलाव सामने आया है। SEBI ने आदेश दिया है कि अब कोई म्यूचुअल फंड हाउस प्री-IPO शेयर प्लेसमेंट में निवेश नहीं कर सकेगा। यह कदम रिटेल निवेशकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब नए फोलियो खोलते समय और पहली निवेश राशि डालने से पहले पूरी KYC प्रक्रिया करना अनिवार्य होगा।
शेयर बाजार कारोबार से हटने के संबंध में 25 अप्रैल, 2025 की असाधारण आमसभा के माध्यम से शेयरधारकों से भी अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है।
SEBI में ग्रेड ए पदों पर भर्ती निकली है। आइए इस खबर के जरिए वैकेंसी समेत जरूरी डिटेल्स को जानते हैं।
यह पूरी पेशकश ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) के रूप में होगी। अब सबकी निगाहें SEBI की मंजूरी और इस बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग की तारीख पर टिकी हैं।
अमेरिकी निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी, 2023 में अडाणी ग्रुप पर खातों में गड़बड़ी, शेयर की कीमतों में हेराफेरी और गैर-पारदर्शी विदेशी संस्थाओं के इस्तेमाल का आरोप लगा था।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को अडाणी पावर 12.40 प्रतिशत की उछाल के साथ सबसे आगे रही।
सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों के संबंध में अडानी समूह, चेयरमैन गौतम अडानी को क्लीन चिट देते हुए मामले का निपटारा कर दिया है।
ब्रोकर्स को 30 सितंबर को खत्म होने वाले छमाही के लिए 45 दिनों के भीतर और 31 मार्च को खत्म होने वाले छमाही के लिए 60 दिनों के भीतर ऑडिटर का सर्टिफिकेट जमा करना होगा।
प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) नियमों के अनुसार पब्लिक सेक्टर की कंपनियों समेत सभी लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता होनी चाहिए।
मार्केट रेगुलेटर सेबी का कहना है कि डिस्ट्रीब्यूटर्स, जो म्यूचुअल फंड कंपनियां के एजेंट की भूमिका निभाते हैं, उन्हें ट्रांजैक्शन चार्ज के माध्यम से नहीं, बल्कि सीधे कमीशन या शुल्क के रूप में भुगतान किया जाना चाहिए।
जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी, 2023 से मई, 2025 तक की जांच अवधि के दौरान शुद्ध आधार पर 36,671 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया।
इन सभी कंपनियों ने जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच अपने IPO के शुरुआती दस्तावेज़ दाखिल किए थे। ये कंपनियां अब अपनी आईपीओ प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकती हैं।
सेबी ने बयान में कहा कि जेन स्ट्रीट ग्रुप ने इंडेक्स में हेराफेरी के मामले में 3 जुलाई, 2025 को जारी अंतरिम आदेश के पैरा 62.11 के अनुसार, खंड 62.1 में दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 4843.57 करोड़ रुपये की राशि जमा की है।
जेन स्ट्रीट ग्रुप की स्थापना 2000 में की गई थी। ये एलएलसी फाइनेंशियल सर्विस इंडस्ट्री में एक वैश्विक स्वामित्व वाली ट्रेडिंग कंपनी है।
सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने बिना किसी निश्चित समयसीमा के बताया कि नए नियमों को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही प्रतिक्रिया और परामर्श के लिए मसौदा नियम पेश करेंगे।”
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख तुहिन कांत पांडेय ने बताया कि ये एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई) भुगतान व्यवस्था 1 अक्टूबर, 2025 से लागू हो जाएगी।
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