सोने की कीमतों में उछाल के पीछे अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंताओं का बढ़ना और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों से सुरक्षित निवेश की मांग का बढ़ना मुख्य वजह हैं।
सोने को लेकर जानकार कहते हैं कि भू-राजनीतिक तनाव और निवेशकों से सुरक्षित निवेश की निरंतर बढ़ती मांग सोने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखे हुए हैं। चांदी की कीमत में अभी तेजी का रुझान रह सकता है।
सोने के साथ चांदी कीमत बढ़ोतरी की दौड़ में जोरदार टक्कर देती दिख रही है। इस साल सोने ने अपने ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। कीमतों में आने वाले दिनों में भी नरमी की गुंजाइश कम ही है।
बाजार विश्लेषकों ने धातुओं में इस तेजी के लिए कई वैश्विक कारकों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि डॉलर की अपील कम होने और जोखिम से बचाव की व्यापक प्रवृत्ति ने सोने-चांदी को बल दिया। चांदी का तेजी का रुझान निकट भविष्य में बरकरार रह सकता है।
चांदी की कीमतों में यह ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्शाती है कि यह धातु केवल एक निवेश उपकरण ही नहीं, बल्कि औद्योगिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गई है। निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बन चुका है, और भविष्य में चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
सोना आम आदमी की पहुंच से लगातार दूर जा रहा है। पिछले तीन दिनों में सोने की कीमत में ₹6,000 की वृद्धि दर्ज की गई है। अमेरिकी सरकार का बंद होना और बढ़ते वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों ने सोने की कीमत को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में अतिरिक्त कटौती की बढ़ती स्वीकार्यता के बीच मजबूत वैश्विक रुझानों के चलते सोमवार को घरेलू वायदा कारोबार में सोने की कीमतें पहली बार 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गईं।
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को चांदी की कीमतें 500 रुपये की गिरावट के साथ 1,50,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई।
स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी बुधवार को 1,100 रुपये की तेजी के साथ 1,20,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया।
अमेरिकी सरकार के आंशिक शटडाउन और फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के चलते सोने की कीमत में उछाल देखा गया।
सोने और चांदी की कीमतें इस समय रिकॉर्ड लेवल पर हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि भारत में इनके आयात में जोरदार इजाफा भी देखा जा रहा है। अगस्त की तुलना में सितंबर में देश का गोल्ड और सिल्वर इंपोर्ट लगभग दोगुना हो गया है।
राजधानी दिल्ली में आज 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 500 रुपये की तेजी के साथ 1.20 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड भाव पर पहुंच गया।
वैश्विक तनाव और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के असर के बीच सोने और चांदी की कीमत में लगातार उछाल दर्ज किया जा रहा है। आज की तारीख में एक आम आदमी के दायरे से सोना लगभग बाहर होता मालूम पड़ रहा है।
सोमवार को चांदी की कीमतें 7000 रुपये की भारी बढ़ोतरी के साथ 1.5 लाख रुपये प्रति किलो के नए ऑलटाइम हाई पर पहुंच गईं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार के घटनाक्रम और डॉलर इंडेक्स में गिरावट सोने के भाव को पंख दे दिए। घरेलू स्तर पर फेस्टिवल सीजन होने के बावजूद बढ़ी कीमतों का असर बिक्री पर देखने को मिल रहा है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर की डिलीवरी वाले सोने का वायदा भाव शुक्रवार को साप्ताहिक आधार पर 4,188 रुपये या 3.77 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,14,891 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
शुक्रवार को दिल्ली के सर्राफा बाजार में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने के अलावा, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 330 रुपये महंगा हो गया था।
शुक्रवार को 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 400 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 1,17,100 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो गुरुवार को 700 रुपये की गिरावट के साथ 1,16,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
ग्लोबल मार्केट में सोने की हाजिर कीमत 0.2% गिरकर 3,741.21 डॉलर प्रति औंस रह गई, हालांकि इस सप्ताह अब तक सोने की कीमत में 1.6% की बढ़ोतरी हुई है।
सोने और चांदी की कीमतें इस समय काफी अस्थिरता के दौर से गुजर रही हैं। उनकी दिशा अब वैश्विक आर्थिक डेटा, अमेरिकी डॉलर की चाल और केंद्रीय बैंकों की मौद्रिक नीतियों पर काफी हद तक निर्भर करेगी।
संपादक की पसंद