अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप से अब तक 1411लोगों की मौत की खबर है जबकि अबतक 3124 लोग घायल बताए जा रहे हैं। तालिबान सरकार के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है।
त्रिपक्षीय बैठक में अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी और बढ़ते सुरक्षा खतरे भी अहम विषय होंगे। अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से कई आतंकी संगठनों की गतिविधियां बढ़ी हैं, जिससे पाकिस्तान और चीन दोनों को चिंता है।
ब्रिटेन की रक्षा मंत्रालय से जुड़ी कंपनी "द जेट सेंटर" में डेटा लीक से 3,700 लोगों की निजी जानकारी खतरे में है। इनमें अफगान नागरिक, ब्रिटिश सैनिक और पत्रकार शामिल हैं। लीक हुई जानकारी के कारण अफगानों की जान को तालिबान से गंभीर खतरा हो सकता है।
तालिबानी शासन में महिलाओं और लड़कियों के साथ बेहद बुरा बर्ताव हो रहा है। तालिबान ने महिला मामलों के मंत्रालय को भी भंग कर दिया है। अल्पसंख्यक जातीय और धार्मिक समूहों की हालत भी यहां अच्छी नहीं है।
तालिबान शासन के 4 सालों में अफगानिस्तान में औरतों, अल्पसंख्यकों और मानवाधिकारों का गंभीर हनन हुआ है। महिलाओं की शिक्षा, रोजगार और आजादी पर पाबंदियां लगी हैं। अंतरराष्ट्रीय अदालतें कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। अफगान जनता तालिबान के सख्त शासन में सिसक रही है।
अफगानिस्तान में तालिबान राज चल रहा है। तालिबानी शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार किया जा रहै है। संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतंत्र जांचकर्ता ने इससे संबंधित रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र महासभा को सौंपी है।
वायरल वीडियो में 10 आरोपियों को देखा जा सकता है। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि दोनों युवक अपनी प्रेमिकाओं से मिलने आए थे।
बांग्लादेश भी अब तालिबान बनने की राह पर है। बांग्लादेश में महिलाओं और लड़कियों के लिए तालिबानी फरमान जारी कर दिया गया है।
अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। तालिबान ने अफगान लड़कियों और महिलाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। लड़कियां छठी कक्षा से आगे पढ़ाई नहीं कर सकती हैं और महिलाओं के कई सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर प्रतिबंध लगा है।
अफगानिस्तान में तालिबान राज चल रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में तालिबान को लेकर चौंकाने वाली बातें कही गई हैं। चलिए आपको बताते हैं कि इस रिपोर्ट में क्या कहा गया है।
तालिबान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाकर भारत ने सबको चौंका दिया है। आखिरकार भारत ने तालिबान के खिलाफ वोटिंग क्यों नहीं की, आइये पूरा मामला विस्तार से जानते हैं?
तालिबान ने पाकिस्तान में कत्लेआम मचाया है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में तालिबान ने पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल के तीन जवानों की हत्या कर दी है।
अफगानिस्तान की सत्ता में आए तालिबान को रूस ने औपचारिक मान्यता दे दी है। ऐसा करने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने तालिबान को ये मान्यता दी है।
आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया फिर उजागर हो गया है। पाकिस्तान के मौलवियों ने अपने लोगों की हत्या करने वाले आतंकियों के जनाजे पर नमाज नहीं पढ़ी, लेकिन जब पाक आतंकी भारत में हमले करते हैं तो वह हिंदुस्तान के खिलाफ ही जहर उगलते हैं और आतंकियों का बचाव करते हैं।
पाकिस्तान में सोमवार को एक दफ्तर के बाहर हुए शक्तिशाली विस्फोट में 7 लोगों मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। जिस जगह यह विस्फोट हुआ, वह इलाका कभी पाकिस्तानी तालिबान का गढ़ था।
भारत के सीनियर डिप्लोमैट आनंद प्रकाश ने काबुल में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर खान मुत्ताकी के साथ मुलाकात की। इस बैठक में द्विपक्षीय राजनीतिक संबंधों को मजबूत करने से लेकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
पाकिस्तान के सुरक्षा बलों बड़ी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों को पाकिस्तान की सेना ने निशाना बनाया है। मुठभेड़ में 41 लोगों को मारा गया है।
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की है। आइए जानते हैं कि तालिबान ने इस बारे में क्या कहा है।
आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें दूसरे देश में घूमने का काफी शौक होगा लेकिन अफगानिस्तान में अगर घूमने का ऑफर किया जाए तो शायद आप मना कर देंगे मगर इसी अफगनिस्तान से एक अनोखी कहानी सामने आई है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने आतंकी संगठन तालिबान पर से 20 साल से अधिक पुराना प्रतिबंध हटाकर भले ही काबुल का करीबी होने का प्रयास किया है, लेकिन इससे भारत यूएन समेत कई देश नाराज हैं। लिहाजा अब मॉस्को भी इस पर सफाई देने को विवश है।
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