पिछले हफ्ते रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 46,687.03 करोड़ रुपये बढ़कर 19,64,170.74 करोड़ रुपये हो गया।
एच-1बी वीजा धारक बिना किसी प्रतिबंध के अमेरिका में आना-जाना जारी रख सकते हैं, जो फीस घोषणा के बाद उठाई गई सबसे बड़ी चिंताओं में से एक का समाधान है।
आज एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 50.20 अंक (0.20%) की हल्की तेजी के साथ 25,277.55 अंकों पर कारोबार शुरू किया।
टीसीएस का मार्केट कैप 45,678.35 करोड़ रुपये बढ़कर 10,95,701.62 करोड़ रुपये हो गया।
केवल तीन महीनों में TCS के कर्मचारियों की संख्या 19,755 घट गई है, जो पहले की योजनाओं से कहीं ज्यादा है। इस ताजा अपडेट ने आईटी सेक्टर में हलचल मचा दी है, वहीं कर्मचारियों के संघ NITES ने आरोप लगाया है कि TCS बड़े पैमाने पर छंटनी को छिपा रही है।
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपनी लाभप्रदता को बढ़ाया है, ऑपरेटिंग मार्जिन को सेवरेंस पे को छोड़कर 25.2% तक पहुंचा दिया। कंपनी ने कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कई पहल शुरू की हैं।
TCS, Google, Microsoft, Accenture और Salesforce जैसी दुनिया की प्रमुख IT और टेक कंपनियां AI के बढ़ते प्रभाव और लागत कम करने के चलते बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। H-1B वीजा बढ़ोतरी और ऑटोमेशन के कारण नौकरी की सुरक्षा पर दबाव बढ़ा है।
TCS ने अब तक के अपने सबसे बड़े एयरलाइन क्लाइंटों में से एक SpiceJet के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में TCS ने एयरलाइन पर 2.34 करोड़ रुपये के टेक बिल न चुकाने का आरोप लगाया है।
TCS ने छंटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन इस बार कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट है। जहां आमतौर पर नौकरी जाने का मतलब होता है अचानक आय का खत्म हो जाना, वहीं TCS अपने कर्मचारियों को अलविदा कहते समय 6 महीने से लेकर पूरे 2 साल तक की सैलरी बतौर सेवरेंस पैकेज ऑफर कर रही है।
NITES के प्रतिनिधित्व के आधार पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने महाराष्ट्र के श्रम सचिव को इस मामले में जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
पिछले हफ्ते टीसीएस का मार्केट कैप 97,597.91 करोड़ रुपये घटकर 10,49,281.56 करोड़ रुपये पर आ गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 40,462.09 करोड़ रुपये घटकर 18,64,436.42 करोड़ रुपये हो गया।
सोमवार को हफ्ते के पहले दिन, बीएसई सेंसेक्स 466.26 अंकों (0.56%) की बड़ी गिरावट के साथ 82,159.97 अंकों पर बंद हुआ। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी आज 124.70 अंकों (0.49%) के नुकसान के साथ 25,202.35 अंकों पर आकर बंद हुआ।
अमेरिका के संघीय आंकड़ों के अनुसार, भारत की टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 2025 तक 5000 से ज्यादा स्वीकृत H-1B वीजा के साथ इस प्रोग्राम की दूसरी सबसे बड़ी लाभार्थी है।
भारत लंबे समय से आईटी आउटसोर्सिंग और इससे जुड़ी सेवाओं का केंद्र रहा है, इसलिए इस बिल ने भारतीय आईटी इंडस्ट्री में चिंता पैदा कर दी है, जो रेवेन्यू के लिए अमेरिकी ग्राहकों पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं।
आज, लगातार दूसरे दिन आईटी स्टॉक्स में शानदार तेजी दिखी। एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस के शेयर जोरदार तेजी के साथ बंद हुए।
बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और LIC के मार्केट कैप में बढ़ोतरी हुई और इनके निवेशकों के पोर्टफोलियो की वैल्यू भी बढ़ गया।
जुलाई 2025 में, TCS ने अपने इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी की घोषणा करते हुए 12,000 मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। यह कंपनी की कुल 6 लाख ग्लोबल वर्कफोर्स का करीब 2% हिस्सा था।
IT और ITES कर्मचारियों की यूनियन का कहना है कि कंपनी को कर्मचारियों को “फेंकने” के बजाय अपस्किल करने पर जोर देना चाहिए। उधर, टीसीएस ने 30,000 कर्मचारियों की छंटनी की बातों को खारिज कर दिया है।
टीसीएस ने टैलेंट को पुरस्कृत करने और उन्हें बनाए रखने का ये फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब कंपनी अपने कुल वर्कफोर्स से 12,000 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के बाद से ही भारतीय बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है।
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