पीएम मोदी की यात्रा के दौरान त्रिनिदाद और टोबैगो ने खुलकर संयुक्त राष्ट्र में भारत को स्थाई सदस्य बनाने जाने की मांग का समर्थन किया है।
एक महीने के लिए पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान संभालने का मौका मिला है। यूएनएससी का अध्यक्ष बनने के बाद वो क्या क्या काम करेगा, भारत का उसपर क्या असर पड़ेगा, जानें पूरी डिटेल्स...
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले से लेकर बच्चों पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर पाकिस्तान की जमकर क्लास लगाई। भारत ने कहा कि पाकिस्तान यूएनएससी में झूठ बोलकर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहा है।
पाकिस्तान की मांगों के कारण यूएनएससी में आम सहमति नहीं बन पाई, जिससे यूएन समितियों के आवंटन की प्रक्रिया में लगभग पांच महीने की देरी हुई।
रूस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए गुप्त मतदान की मांग की, लेकिन उसे यूएन ने खारिज कर दिया। महासभा अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव में जर्मनी की पूर्व विदेश मंत्री बेयरबॉक को नया अध्यक्ष चुन लिया गया।
UNSC में भारत ने पाकिस्तान को आईना दिखाया है और कहा है कि ऐसे देश के लिए नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है।
भारत ने 33 देशों को इसलिए चुना क्योंकि वे या तो UNSC के सदस्य हैं, क्षेत्रीय और वैश्विक रूप से प्रभावशाली हैं, या भारत के रणनीतिक साझेदार हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों को भेजने का उद्देश्य पाकिस्तान को बेनकाब कर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाना है।
भारत आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता के नवीनतम सबूतों के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक टीम भेजेगा। ये टीम दुनिया के सामने पाकिस्तान को एक्सपोज करेगी।
कश्मीर पर बंद कमरे में हुई यूएनएससी की बैठक के बारे में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यूएनएससी पाकिस्तान की आलोचना करने वाला प्रस्ताव पारित नहीं करेगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच UN सुरक्षा परिषद की बड़ी बैठक का आयोजन किया गया है। जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में पाकिस्तान को लताड़ लगाई गई है।
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद से भारतीय सेना और सरकार दोनों ही एक्शन मोड में हैं। इस बीच पाकिस्तान को युद्ध को डर सता रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के अनुरोध पर UNSC की बैठक बुलाई गई।
सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी पहलगाम पर भारत द्वारा बड़ा बदला लिए जाने का यकीन है। इसलिए दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर यूएनएससी ने पहल शूरू कर दी है।
Pahalgam Terror Attack: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की ओर से एक प्रेस बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया, 'सुरक्षा परिषद के सदस्य 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की सबसे कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए और कई घायल हुए।'
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में धर्म और आस्था को आधार बनाने वालों की कड़ी निंदा की है। भारत ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सुधारों को रोकने का प्रयास है।
स्लोवाकिया के राष्ट्रपति ने यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन किया। राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने कहा कि हम भारत का पूर्ण समर्थन करते हैं।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि शांति स्थापना का कार्य बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। शांतिसैनिकों को सशस्त्र समूहों, आतंकवादियों और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्कों से जूझना पड़ रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में चल रहे विदेश मंत्रियों के जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व प्रतिनधियों ने सुरक्षा परिषद समेत संयुक्त राष्ट्र में तत्काल सुधार की मांग की है। इसके साथ ही युद्ध ग्रस्त देशों में शांति बहाल करने पर चर्चा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता में वृद्धि नहीं करने के मामले पर भारत ने फिर इसके सदस्यों को फटकार लगाई है। भारत ने विशेषकर चीन को उसका नाम लिए बिना जमकर धोया है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि वह पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का शिकार रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने पाकिस्तान को आतंकवाद का वैश्विक केंद्र बताया है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर पाकिस्तान का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी को शुरू हो गया है।
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