राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हॉवर्ड लुटनिक दोनों ने ही समझौते के बारे में कोई डिटेल साझा नहीं की है।
यह अनाउंसमेंट लंदन में ट्रम्प के बड़े आर्थिक अधिकारियों की उनके चीनी समकक्षों के साथ बैठक के बाद की गई है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशलमीडिया एकाउंट ट्रुथ सोशल पर चीन के साथ ट्रेड डील होने की बड़ी खबर दी है। उन्होंने लिखा है कि जिनेवा में हम चीन के साथ ट्रेड डील फाइनल होने की घोषणा करते हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि यह बैठक अमेरिकी पक्ष के अनुरोध पर हो रही है, जिसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने असहमति जताई और जियान से कहा कि वापस जाकर अपनी फाइलों का अध्ययन करें।
इंपोर्ट पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद चीन ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसके बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर जैसी स्थिति बन गई।
RFA रिपोर्ट के अनुसार, मजदूरों ने दावा किया कि फ्लैक्सिबल सर्किट बोर्ड बनाने वाली सिचुआन स्थित कंपनी ने साल की शुरुआत से ही उनके वेतन का मुआवजा नहीं दिया।
ऑफिशियल मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 50.5 से गिरकर 49.0 के 16 महीनों के निचले स्तर पर आ गया।
जानकार कहते हैं कि बोइंग की डिलीवरी को रोकने से चीनी विमानन क्षेत्र और अमेरिकी एयरोस्पेस उद्योग की दिग्गज कंपनी दोनों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ हो सकते हैं।
बुधवार को जहां ट्रंप ने चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने बाकी सभी देशों को नए टैरिफ रेट से 90 दिनों के लिए राहत दे दी।
ट्रम्प ने सोमवार को धमकी दी थी कि अगर बीजिंग मंगलवार तक अमेरिकी वस्तुओं पर अपने प्रतिशोधात्मक शुल्क नहीं हटाता है तो वह बुधवार को चीन पर मौजूदा शुल्क 50% तक बढ़ा देंगे।
US China Trade War : चीन ने कई अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह टैरिफ 10 मार्च से लागू हो जाएगा। इससे पहले अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर टैरिफ को दोगुना करने का फैसला लिया था।
जापान की कंपनी मुराता ने तमिलनाडु के वनहब चेन्नई इंडस्ट्रियल पार्क में एक प्लांट किराए पर लिया है। कंपनी अगले वित्त वर्ष में इस प्लांट से सिरेमिक कैपेसिटर की पैकेजिंग और शिपिंग की योजना बना रही है।
चीन से आयात पर अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाने से भारत को अमेरिका में निर्यात के बड़े अवसर मिलते हैं। बढ़े टैरिफ चीन से अमेरिका को निर्यात को प्रभावित करेंगे क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में उनके सामान की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे वे कम प्रतिस्पर्धी बन जाएंगे।
अमेरिका में नया प्रशासन मैन्यूफैक्चरिंग को चीन से दूर ले जाने और अमेरिका में ही रोजगार सृजन की योजना बना रहा है। ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान चीन से माल पर 60 प्रतिशत शुल्क और हर दूसरे अमेरिकी आयात पर 20 प्रतिशत तक के शुल्क का प्रस्ताव रखा था।
अमेरिका और चीन में तनातनी के बावजूद दोनों देश आर्थिक नुकसान नहीं उठाना चाहते। दोनों देशों की मल्टीनेशनल कंपनियां एक दूसरे देश में संचालित हैं। अरबों डॉलर का वार्षिक व्यापार भी होता है। इसलिए अमेरिका और चीन अब रिश्ते सुधारने की पहल कर रहे हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ संभावित टकराव के लिए अमेरिका की सेना को तैयार रहना चाहिए।
अमेरिका ने चीन के कुछ प्रोडक्ट्स पर रोक लगाते हुए इस संबंध में आदेश जारी किया है।
कच्चे माल और कुशल श्रमिक के हिसाब से भारत की स्थिति मजबूत
चीन ने अमेरिका के 75 अरब डॉलर के सामानों पर लगे दंडात्मक शुल्क में 50 प्रतिशत कटौती करने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। यह कटौती आगामी 14 फरवरी से लागू होगी।
अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से उत्साहित विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जनवरी महीने में अब तक भारतीय पूंजी बाजार में 1,624 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
संपादक की पसंद