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Hindi News बिहार दलाई लामा की ‘चीनी जासूस’ के बारे में आई बड़ी खबर, पुलिस की जांच के बाद पलट गया मामला

दलाई लामा की ‘चीनी जासूस’ के बारे में आई बड़ी खबर, पुलिस की जांच के बाद पलट गया मामला

पुलिस ने मामले की जांच के बाद बताया कि चीनी महिला का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है और वह आध्यात्मिक कारणों के चलते वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रह रही है।

Dalai Lama Chinese Spy, Chinese Spy Bihar, Chinese Spy News, Chinese Spy Bodhgaya- India TV Hindi Image Source : FILE चीनी महिला का स्केच और दलाई लामा।

पटना: बिहार के बोधगया में दलाई लामा की एक ‘चीनी महिला जासूस’ की खबरें पिछले कुछ घंटों से सुर्खियों में रहीं, लेकिन अंत में मामला कुछ और ही निकला। बता दें कि पुलिस ने सोंग शिओलान नामक महिला के स्केच के साथ उसके पासपोर्ट और वीजा संख्या जारी की तो यह खबर मीडिया से लेकर सोशल मीडया प्लैटफॉर्म्स तक पर छा गई। इस महिला द्वारा दलाई लामा की जासूसी की बातें भी सामने आईं, लेकिन जब हकीकत पता चली तो सब के सब हैरान रह गए।

महिला का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं
पुलिस ने जांच के बाद बताया कि इस मामले का जासूसी से कोई लेना-देना नहीं है और यह महिला वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी जानबूझकर भारत में रह रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जे एस गंगवार ने कहा, ‘उसे वीजा उल्लंघन के बाद भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया है। हमें उसे प्रत्यर्पण के लिए संबंधित प्राधिकारियों को सौंपने जा रहे हैं।’ इसके बाद गया पुलिस के एक बयान ने यह बिल्कुल साफ कर दिया कि सोंग पर कभी जासूसी का संदेह नहीं रहा।

भारत रहने का कारण आध्यात्मिक था
सोंग शिओलान के भारत आने और यहीं रह जाने के पीछे का कारण आध्यात्मिक था। पुलिस ने बताया कि एक नास्तिक देश में पैदा होने के बावजूद यह महिला आध्यात्मिकता के करीब आ गयी और वह अक्टूबर 2019 में बुद्ध की धरती पर आयी और यह भूल गयी कि यह दुनिया वीजा पर चलती है। पुलिस के मुताबिक, उसे 3 महीने से ज्यादा वक्त तक नहीं ठहराना था लेकिन वह 3 से ज्यादा साल से भारत में रह रही है। इस बीच, वह आध्यात्म की खोज में कुछ वक्त के लिए नेपाल भी गयी जहां उसने एक स्थानीय महिला से दोस्ती की और उसके साथ भारत लौटी।

धर्मशाला में भी रुकी थी चीनी महिला
दोनों महिलाओं को पुलिस ने बोधगया में एक गेस्ट हाउस से पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जिले में मैक्लॉडगंज में बसने की बात कबूल की जिसे अक्सर ‘मिनी तिब्बत’ कहा जाता है। ये दोनों 22 दिसंबर को बोधगया पहुंची जब दलाई लामा को भी एक कार्यक्रम के सिलसिले में वहां आना था लेकिन तब तक विदेश विभाग ने पुलिस को सोंग शिओलान के बारे में जानकारी दे दी थी।