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भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार होने की उम्मीद: अरुण जेटली

हॉगकांग: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि प्रतिकूल वैश्विक हालात के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सरकार कई सुधार कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ा रही है।

अरुण जेटली ने कहा भारत...- India TV Hindi अरुण जेटली ने कहा भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार होने की उम्मीद

हॉगकांग: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि प्रतिकूल वैश्विक हालात के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि सरकार कई सुधार कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ा रही है। चिंताजनक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भी भारत के पास आगे बढ़ने की क्षमता होने की बात पर जोर देते हुए जेटली ने कहा कि वित्तीय घाटा कम हो रहा है और महंगाई काफी हद तक नियंत्रण में है। वित्त मंत्री ने यहां वैश्विक निवेशकों को अपने संबोधन में कहा सरकार के कई सुधार कार्यक्रम जारी रहने के संदर्भ में मुझे आगे तक का रास्ता दिखाई देता है। आर्थिक सुधार सतत चलते रहने वाली प्रक्रिया होगी और इसमें कोई पूर्णविराम वाली बात नहीं होती।

उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण बदलाव जो हुआ है वह यह है कि सुधार आगे की दिशा में सतत रूप से बढ़ रहे हैं और राज्यों को भी यह अहसास हो गया है कि विकास की इस गाथा में उनकी अहम भूमिका है।जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर GST सर्वाधिक महत्वपूर्ण कराधान सुधारों में से एक है और सरकार ने रक्षा उत्पादन सहित कई क्षेत्रों को भी खोल दिया है। उन्होंने कहा दिवालियापन कानून (बैंकरप्टसी लॉ) संसद में पेश करने के लिए तैयार है, अनुबंधों का प्रस्ताव, सार्वजनिक ठेकों का आवंटन और सार्वजनिक अधिप्राप्ति के लिए कानूनों पर काम जारी है। विदेशी निवेशकों को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि कर संबंधी मुद्दों को निपटाना सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।

आर्थिक वृद्धि की क्षमताओं के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि थोड़ी-बहुत चिंताजनक स्थिति के बावजूद भारत के पास आगे बढ़ने की क्षमता है। हमने पिछले साल 7.3 फीसदी की वृद्धि दर हासिल की और मुझे पूरा विश्वास है कि इस साल इसमें इजाफा करेंगे। जेटली ने कहा मैं हमारे रास्ते में आने वाली बाधाओं को लेकर सचेत हूं। भारत की वृद्धि दर पिछले साल 7.3 फीसदी रही। हमारे राजकोषीय आंकड़े अच्छे रहे। राजकोषीय घाटा धीरे धीरे कम हो रहा है और अब हमारा लक्ष्य अगले दो तीन साल में इसे कम कर तीन फीसदी तक लाने का है।

उन्होंने कहा चालू खाते का घाटा कम हो कर GDP के 1.2 प्रतिशत हो गया है। इस समय विदेशी मुद्रा भंडार भी बहुत बड़ा है, मुद्रास्फीति बहुत हद तक नियंत्रण में है और इस तरह जो वृहद आर्थिक संकेत हैं वे सकारात्मक प्रतीत होते हैं। जेटली ने कहा कि यह उपलब्धियां वैश्विक नरमी के बीच हासिल हुई हैं। वैश्विक परिदृश्य हमारे लिए मददगार नहीं है और प्रतिकूलताओं वाले इस समय में, खास कर जब हमारे निर्यात पर वैश्विक कारकों का असर पड़ रहा है तो अनुकूल वैश्विक परिस्थितियों में हम 7.3 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर में महत्वपूर्ण तरीके से सुधार कर सकते हैं। अप्रैल से जून की तिमाही में GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर घट कर 7 फीसदी रह गई जो इससे पिछली तिमाही में 7.5 फीसदी थी। सरकार को उम्मीद है कि 2015-16 के पूरे वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8 से 8.5 फीसदी तक रहेगी।

जेटली ने कहा मॉनसून बारिश कम होने के कारण कृषि वृद्धि दर बहाल

जेटली ने उम्मीद जताई कि मानसूनी बारिश कम होने के बावजूद कृषि वृद्धि दर बहाल होगी। उन्होंने कहा मुझे बताया गया है कि पिछले कुछ दिनों में बारिश लौटी है। उन्होंने कहा, GST राज्यसभा में अटका है लेकिन इसलिए नहीं कि इस पर कोई अस्पष्टता है बल्कि एक राजनीतिक दल के कारण। संसद में आंकड़े विधेयक के पक्ष में हैं और मुझे भरोसा है कि यह अगले सत्र में पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद की भावना भारत की वृद्धि की संभावना को आगे बढ़ा रही है और राजय निवेश पाने के लिए आक्रामक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा स्मार्ट सिटी और सड़क आदि के लिए जमीन के नियमों में बदलाव से प्रगतिशील राज्यों ने नियमों में बदलाव की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि केंद्र को उन्हें अनुमति देनी चाहिए और हम इस पर सहमत हुए।

जेटली ने कहा कि ज्यादातर मुख्यमंत्री निवेश आकर्षित करने के लिए विदेश जा रहे हैं ओर उनमें से कई अपने राज्यों में निवेश सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। वित्तमंत्री ने कहा कि कारोबार सुगमता निरंतर प्रक्रिया है। उन्होंने कहा बहुत सुधार किए गए हैं तथा और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। लंबे समय से अटके कर विवादों का निपटारा हमारी उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि चीजें आसान बनाने के लिए राज्यों की रैंकिंग की व्यवस्था की गई है ताकि निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर जगह तलाशने में मदद मिले। उन्होंने विश्व बैंक की कारोबार सुगमता संबंधी रैंकिंग में देश के स्थान के बारे में कहा भारत की रैंकिंग कुल मिलाकर नीचे रही है लेकिन मुझे भरोसा है कि जब अगले आंकड़े आएंगे हमारी रैंकिंग उल्लेखनीय रूप से सुधरेगी।

जेटली ने कहा कि घरेलू निजी निवेश का धीमा पड़ना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, मुझे पता है कि वैश्विक मांग में नरमी से घरेलू कंपनियां कुछ मुश्किल के साथ परिचालन कर रही हैं। वस्तु एवं सेवा कर सबसे महत्वपूर्ण कराधान सुधार है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में हमेशा से प्राकृतिक संसाधन भारी मात्रा में है लेकिन यह विवादो में उलझा रहा है जिनमें कोयला, स्पेक्ट्रम और खनिज आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत के बारे में निवेशकों के बीच हमेशा सतर्क आशावाद की स्थिति रही है। एक ओर वे भारत को विशाल बाजार के तौर पर देखते हैं लेकिन साथ इसे ऐसे देश के तौर पर भी देखते हैं जिसने कुछ मौकों पर अवसर का फायदा नहीं उठाया है।

उन्होंने कहा, इसलिए आशावाद के साथ हमेशा सतर्कता रही है। जेटली ने कहा मैं आज कहना चाहता हूं कि भारत अब बदल रहा है। यहां ऐसी सरकार है जिसे बहुमत मिला है और वह कड़े फैसले लेने के लिए तैयार है। हमारे पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो मजबूत नेता हैं जिनकी पृष्ठभूमि विकास केंद्रित शासन प्रणाली की रही है और वह ऐसे फैसले लेने में समर्थ हैं जो देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

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