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Hindi News क्राइम बेंगलुरु: पिता स्वस्थ रहते थे तो बेटे ने करवा दी उनकी हत्या, जिससे प्रॉपर्टी जल्द हो जाए उसके नाम

बेंगलुरु: पिता स्वस्थ रहते थे तो बेटे ने करवा दी उनकी हत्या, जिससे प्रॉपर्टी जल्द हो जाए उसके नाम

मणिकांत अपनी पहली पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद था। जेल में वह कुख्यात नादुवत्ती शिवू गिरोह के संपर्क में आ गया। जब उसने अपने पिता को मरवाने शिवू गिरोह के सदस्यों को सुपारी दे दी।

Karnataka, Bengaluru, Murder, Crime, Father killed- India TV Hindi Image Source : FILE बेंगलुरु में बेटे ने करवा दी पिता की हत्या

बेंगलुरु: बेटे को पिता का सबसे बड़ा सहारा माना जाता है। कहा जाता है कि बुढ़ापे में पिता का सहारा उसका बेटा ही होता है। दुनिया के सबसे अनमोल रिश्ते में इस रिश्ते की गिनती की जाती है। लेकिन कर्नाटक के के बेंगलुरु में इस रिश्ते को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक बेटे ने ही अपने पिता की सुपारी देकर हत्या करवा दी। हत्या की वजह भी ऐसी थी कि हर कोई सोच रहा है कि कोई यह कैसे कर सकता है? 

13 फरवरी को हुई थी हत्या 

 बेंगलुरु में एक बेटे ने अपने पिता को इसलिए मार डाला, क्योंकि वह स्वस्थ थे और अभी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना थी। बेटे को लगता था कि अगर वह लंबे समय तक जिंदा रहेंगे, तो उसे संपत्ति जल्दी नहीं मिल पाएगी। इसलिए संपत्ति के लालच में उसने पिता की हत्या कर दी। 13 फरवरी को बेंगलुरु के मराठाहल्ली में नारायण स्वामी नामक शख्स की हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में उसके बेटे मणिकांत की संलिप्तता का पता चला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

Image Source : FILEपिता की हत्या की सुपारी देने वाला बेटा

पत्नी के कत्ल में जेल काट चुका है बेटा 

जांच में पता चला कि मणिकांत अपने मां-बाप का इकलौता बेटा था। जब पुलिस ने उससे पूछा कि उसको पिता को मरवाने की क्या जरूरत है, जब उनके बाद सारी संपत्ति उसे अपने आप मिल जाती। इस पर आरोपी ने बताया कि उसके पिता नारायण स्वामी स्वस्थ थे और अभी वह कम से कम 20 साल जिंदा रहते। मणिकांत अपनी पहली पत्नी की हत्या के मामले में जेल में बंद था। जेल में वह कुख्यात नादुवत्ती शिवू गिरोह के संपर्क में आ गया। जब उसने अपने पिता को मरवाने की अपनी साजिश के बारे में चर्चा की, तो शिवू गिरोह के सदस्यों ने उसे सहयोग करने की बात कही।

पिता को मारने के लिए दी थी सुपारी 

मणिकांत ने अपने पिता को मारने के लिए चिट्टी बाबू को सुपारी दे दी। योजना के अनुसार, नादुवत्ती शिवू गिरोह के सदस्यों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। लेकिन, पुलिस ने अपराध स्थल से मिले सुराग के आधार पर चिट्टी बाबू और उसके सहयोगी को हिरासत में लिया। बाबू के सहयोगी ने मणिकांत की साजिश और संलिप्तता का पदार्फाश करते हुए अपराध कबूल कर लिया। मणिकांत ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके पिता उसे खर्च के लिए पैसे नहीं देते थे, जिससे उसे उनपर गुस्सा आता था और इसी वजह से उसने इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया।

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