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Hindi News दिल्ली 'अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा न देकर निजी हित को राष्ट्रहित से ऊपर रखा', दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

'अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा न देकर निजी हित को राष्ट्रहित से ऊपर रखा', दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार

दिल्ली के स्कूलों में छात्रों को किताबें नहीं मिलने के मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं देकर निजी हित को राष्ट्रहित से ऊपर रखा।

अरविंद केजरीवाल, दिल्ली- India TV Hindi Image Source : FILE अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देने पर शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने  कहा कि गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न देकर अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रहित से ऊपर निजी हित रखा हैं। अदालत ने दिल्ली में AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे केवल सत्ता में दिलचस्पी है। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी

दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में के छात्रों के लिए किताब और ड्रेस की अनुपलब्धता पर दिल्ली सरकार की खिंचाई की। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार को छात्रों के पास किताबें नहीं होने की कोई चिंता नहीं है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा, "आपके मुवक्किल को सिर्फ सत्ता में दिलचस्पी है। मुझे नहीं पता कि आप कितनी सत्ता चाहते हैं।"

एमसीडी कमिश्नर ने दी ये दलील

इससे पहले  एमसीडी कमिश्नर ने बताया था कि नोटबुक, स्टेशनरी आइटम, यूनिफॉर्म और स्कूल बैग का वितरण न होने का एक बड़ा कारण स्थायी समितियों का गठन न होना है। उन्होंने कहा कि केवल स्थायी समिति के पास ही पांच करोड़ से अधिक के ठेके देने की शक्ति और अधिकार क्षेत्र है। तब हाईकोर्ट ने कहा कि किसी तरह की कोई रिक्तता नहीं होना चाहिए। अगर किसी वजह से स्थायी समिति का गठन नहीं हो सका है तो वित्तीय जीएनसीटीडी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार) द्वारा एक उपयुक्त अथॉरिटी को तुरंत सौंपी जानी चाहिए।

घड़ियाली आंसू बहा रहे मंत्री

दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें मंत्री सौरभ भारद्वाज से निर्देश मिले हैं कि इस तरह के प्रतिनिधिमंडल के लिए मुख्यमंत्री की सहमति की आवश्यकता होगी, जो हिरासत में है। इस पर कोर्ट ने कहा, 'यह आपकी पसंद है कि आपने कहा कि मुख्यमंत्री के हिरासत में होने के बावजूद सरकार चलती रहेगी। आप हमें उस रास्ते पर जाने के लिए मजबूर कर रहे हैं जिस पर हम नहीं जाना चाहते थे। अदालत ने यह भी टिप्पणी की कि शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने छात्रों की दुर्दशा पर आंखें मूंद ली हैं और घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।