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Hindi News दिल्ली Delhi News: यमन के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जानें क्या है वजह

Delhi News: यमन के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जानें क्या है वजह

Delhi News: दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट को सूचित किया कि यमन के एक परिवार के पासपोर्ट एक निजी अस्पताल द्वारा कथित तौर पर ले लिए जाने की जांच जारी है।

Delhi High court (File Photo) - India TV Hindi Image Source : PTI Delhi High court (File Photo)

Highlights

  • यमन दंपति अपने बच्चे के इलाज के लिए भारत आया था
  • "आरोप लगाया है कि दिल्ली के एक निजी अस्पताल ने कथित तौर पर उसके परिवार के पासपोर्ट ले लिए"
  • हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा ने मामले को 20 जुलाई के लिए लिस्टेड किया

Delhi News: दिल्ली हाई कोर्ट में एक यमन के नागरिक की याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ता अपनी पत्नी के साथ अपने बच्चे के इलाज के लिए भारत आया था। उसने आरोप लगाया है कि पूर्वी दिल्ली में स्थित एक निजी अस्पताल ने कथित तौर पर उसके परिवार के पासपोर्ट ले लिए। उसने याचिका में आग्रह किया गया कि निजी अस्पताल को उनके पासपोर्ट वापस करने का निर्देश दिया जाए ताकि वे अपने देश लौट पाएं। पुलिस ने कहा है कि शिकायतकर्ता का बयान जांच अधिकारी द्वारा दर्ज किया गया है। इसमें आगे की जांच जारी है तथा संबंधित DCP द्वारा निगरानी की जा रही है। 

20 जुलाई के लिए लिस्टेड किया मामला

जज यशवंत वर्मा ने मामले को 20 जुलाई के लिए सूचीबद्ध किया ताकि पुलिस के वकील मामले में और निर्देश ले सकें। पुलिस के वकील ने कहा कि अस्पताल और भाषा ट्रांसलेटर का काम करने वाली महिला के बीच कुछ सांठगांठ प्रतीत होती है। भाषा ट्रांसलेटर की तैनाती अस्पताल ने परिवार की सहायता के लिए की थी और उनसे बड़ी राशि ली गई थी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से पासपोर्ट अस्पताल के पास नहीं बल्कि दुभाषिए के पास हैं। पुलिस को यह पता लगाने की जरूरत है कि दस्तावेज महिला तक कैसे पहुंचे थे। हाई कोर्ट ने 11 जुलाई को यमन के दूतावास द्वारा परिवार की पीड़ा के बारे में निजी अस्पताल में की गई शिकायत पर एक्शन लिया। 

अस्पताल ने अन्य सर्जरी के लिए 7,000 से 7500 डॉलर का अनुमानित खर्च बताया था

अस्पताल के वकील ने अदालत में दावा किया था कि उसके पास याचिकाकर्ता व्यक्ति की पत्नी और बच्चे के पासपोर्ट नहीं हैं। व्यक्ति ने अपनी याचिका में कहा कि उसे इस साल मार्च में अस्पताल से अपने बेटे के इलाज के लिए एक शुरूआती बिल प्राप्त हुआ था। बच्चा पिछले साल जुलाई में पैदा हुआ था। अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग ने ‘मेनिंगोमीलोसेले’ और अन्य सर्जरी के लिए 7,000 से 7500 डॉलर का अनुमानित खर्च बताया था। याचिका में कहा गया है कि 14 अप्रैल, 2022 को बच्चे में ‘मेनिंगोमीलोसेले’ और पीठ के निचले हिस्से में सूजन का पता चला तथा उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। सर्जरी की सलाह देते हुए दुभाषिया ने बार-बार उस व्यक्ति से उसके बैंक खाते में धन भेजने के लिए कहा।