A
Hindi News दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलनः 'हर मास एक उपवास' कार्यक्रम में रजत शर्मा ने बताई भोजन पर नियंत्रण की कहानी

अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलनः 'हर मास एक उपवास' कार्यक्रम में रजत शर्मा ने बताई भोजन पर नियंत्रण की कहानी

दिल्ली के भारत मंडपम में 'अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन'को संबोधित करते हुए इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने 'हर मास एक उपवास' पर जोर दिया और इसके फायदे भी बताए।

 इंडिया टीवी के...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा

नई दिल्लीः दिल्ली में 'अंतर्राष्ट्रीय जनमंगल सम्मेलन' आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में जाने-माने लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। दिल्ली के भारत मंडपम में हुए कार्यक्रम में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर इन चीफ रजत शर्मा ने भी 'हर मास एक उपवास' पर अपनी बात रखी। रजत शर्मा ने कहा कि जीवन में ज्यादातर ऐसे लोग आते हैं जो खाने की बात ज्यादा करते हैं, खाना न खाने की बात बहुत कम करते हैं। मैं जहां रहता हूं, मेरे पड़ोस में एक सरदार जी रहते थे और वह काफी खाते-पीते थे। शरीर से काफी मोटे थे। उनकी क्वालिटी ये थी कि दिल्ली में जो भी रेस्टोरेंट खुलता था, उसके वह पहले ग्राहक होते थे। एक दिन मैंने उनको समझाया कि इतना नहीं खाना चाहिए। कुछ नियंत्रण रखना चाहिए। हम एक डाइटिशियन को लेकर उनके पास गए। 

भोजन पर नियंत्रण बहुत जरूरी

रजत शर्मा ने बताया कि डाइटिशियन ने सरदार जी को समझाया था कि आपको कम खाना चाहिए। इसकी शुरुआत धीरे-धीरे करनी होगी। डाइटिशियन ने कहा कि सुबह आप एक कप चाय के साथ एक टोस्ट खा लें। तो उन्होंने कहा कि ब्रेकफास्ट से पहले या बाद में। अब वह नहीं रहे। वो बहुत अच्छे इंसान थे। सिर्फ भोजन पर उनका कंट्रोल नहीं था। इसीलिए मैं कहता हूं उपवास एक संयम का नाम है। सभी के मन में तो भोजन की इच्छा होती है, मगर जब सागर में ऐसे तूफान आते हैं तो उन्हें रोकना होता है।

हर मास में एक उपवास बहुत बड़ा अभियान

दो महापुरुष यहां बैठे हैं। एक प्रसन्न सागर महाराज दूसरे स्वामी रामदेव जी। इनसे बड़ा कोई उदाहरण हमारे सामने नहीं हो सकता जो संयम और संकल्प का उदाहरण हो। संयम सिर्फ भोजन न करने का नहीं है। जब हम उपवास करते हैं तो वो हमारे क्रोध और विचार का भी संयम होता है। वो जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प होता है। इसलिए आज जो संकल्प आचार्य जी ने दिया है। हर मास में एक उपवास बहुत बड़ा अभियान है। इसलिए हम आचार्य का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं।

रजत शर्मा ने कहा कि मैं बहुत सारे अपने करीबी मित्रों को जिसमें एक मित्र ऐसे थे जिनके पास सब कुछ था। मान-सम्मान, परिवार, पैसा, पावर। वो ग्लोबल लीडर थे। उनका भोजन पर नियंत्रण नहीं था। वो ज्यादा दिन नहीं जी सके। हमारा तो नुकसान हुआ ही हुआ, पूरी दुनिया का नुकसान हुआ। इसलिए उपवास का संयम बहुत जरूरी है। 

यहां देखें पूरा भाषण