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Hindi News दिल्ली यमुना नदी को हर रविवार मिलता है नया जीवन, बहते हुए प्लास्टिक और कचड़े निकालते हैं अर्थ वॉरियर्स

यमुना नदी को हर रविवार मिलता है नया जीवन, बहते हुए प्लास्टिक और कचड़े निकालते हैं अर्थ वॉरियर्स

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों से वादा किया था कि वे यमुना को साफ करके रहेंगे, लेकिन आज भी यमुना में दिल्ली के नालों का पानी गिरता है।

पंकज अर्थ वॉरियर- India TV Hindi Image Source : TWITTER पंकज अर्थ वॉरियर

यमुना नदीं की दुर्दशा के बारे में कौन नहीं जानता। यमुना नदी की सफाई को लेकर हमेशा राजनीति होती रहती है। देश की राजधानी में दम तोड़ती हुई यमुना पूरी तरह से नाले में तब्दील हो चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों से वादा किया था कि वे यमुना को साफ करके रहेंगे, लेकिन आज भी यमुना में दिल्ली के नालों का पानी गिरता है। आज भी यमुना में झाग जमा होता है। यमुना हिंदुओं की धार्मिक नदीं है। इसके बावजूद भी सरकार ने कभी कड़ी पहल नहीं की यमुना को बचाया जा सकें। आप सोच रहे होंगे कि हम यमुना की बात क्यों कर रहे हैं? आज हम यमुना की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एक ऐसा इंसान है, जो पिछले चार सालों से यमुना की सफाई को लेकर आवाज उठाते आ रहा है।

यमुना से निकालते हैं प्लास्टिक 
बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले पंकज पर्यावरणविद हैं। पंकज कई सालों से यमुना की सफाई में जुटे हैं। वह हर रविवार को यमुना नदी के किनारे जाते हैं। नदी में बहते हुए प्लास्टिक को बाहर निकालते हैं। इस काम में उनके कई दोस्त भी सहयोग करते हैं। उनका मकसद यमुना को किसी भी तरह से फिर से स्वच्छ बनाना। पंकज पिछले कई सालों से लोगों के बीच जाकर पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं।  पंकज बताते हैं कि जब नदियां ही नहीं रहेंगी तो जीवन कैसे बचेगा? वह नदियों को बचाने के लिए कई बार सड़कों पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वहीं पंकज का मानना ​​है कि प्लास्टिक धरती के लिए सबसे खतरनाक है। वह लोगों से प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की अपील करते हैं। 

सड़को पर किया था सिंगल प्रदर्शन 
पंकज पिछले साल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। वह दिल्ली की सड़कों पर घूम रहे थे। वह अपनी पीठ पर बोतल में एक पौधा और उससे जुड़ा ऑक्सीजन मास्क लेकर घूमते नजर आए। पंकज ने चेहरे पर ऑक्सीजन मास्क लगा रखा था। ऐसे में पंकज का एक ही मकसद था सड़कों पर घूमकर लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाना। पंकज आज भी लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं।