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Hindi News एजुकेशन CBSE के स्कूलों में अब नहीं होगी पुराने तरीके से पढ़ाई! जानिए कैसा होगा नया सिस्टम

CBSE के स्कूलों में अब नहीं होगी पुराने तरीके से पढ़ाई! जानिए कैसा होगा नया सिस्टम

CBSE अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के फॉर्मेट पर चलेगा। इस फॉर्मेट में स्कूलिंग को चार भागों में बांट दिया गया है। सबसे पहल स्टेज फाउंडेशनल है, जिसमें 3 से 8 साल तक के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।

CBSE New education format- India TV Hindi Image Source : PTI जानिए कैसा होगा CBSE का नया एजुकेशन फॉर्मेट

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन यानि CBSE अब अपने पुराने फॉर्मेट को बदलने की कोशिश कर रहा है। जल्द ही इसे लेकर एक नया निर्देश भी जारी हो सकता है, जिसमें ये बताया जाएगा कि आखिर अब नए फॉर्मेट में किस तरह से पढ़ाई की जाएगी। दरअसल, सीबीएसई चाहता है कि देशभर के उसके तमाम स्कूल अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 में प्रस्तावित एकेडमिक सिस्टम को लेकर आगे बढ़ें। फिलहाल सीबीएसई 10+2 एजुकेशन फॉर्मेट पर चल रहा है, लेकिन अब जब नया फॉर्मेट लागू होगा तो सीबीएसई के सभी स्कूल 5+3+3+4 के फॉर्मेट पर चलेंगे।

क्या है सीबीएसई का नया एजुकेशन फॉर्मेट

दरअसल, सीबीएसई अब नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के फॉर्मेट पर चलेगा। इस फॉर्मेट में स्कूलिंग को चार भागों में बांट दिया गया है। सबसे पहल स्टेज फाउंडेशनल है, जिसमें 3 से 8 साल तक के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। जबकि, दूसरी स्टेज की बात करें तो इसमें क्लास 3 से क्लास 5वीं तक पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें 8 से 11 साल तक के बच्चों को शामिल किया जाएगा। वहीं तीसरे स्टेज में 6वीं से आठवीं तक की पढ़ाई कराई जाएगी, इसमें 11 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। चौथी स्टेज की बात करें तो इसमें सेकेंडरी एजुकेशन होगी, जिसमें 9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई होगी। इसके तहत 14 से 18 साल के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी।

5+3+3+4 फॉर्मेट का मतलब क्या है

सीबीएसई चेयरपर्सन निधी छिब्बर ने इस पूरे मामले पर शुक्रवार को कहा कि सीबीएसई बोर्ड ने फैसला किया है कि एजुकेशन फॉर्मेट में बदलाव को अगले एकेडमिक सेशन से लागू कर दिया जाएगा। CBSE चीफ ने इसे लेकर कहा कि हम जल्द ही 10+2 फॉर्मेट की बजाय CBSE के सभी स्कूलों में NEP में बताए गए नए 5+3+3+4 फॉर्मेट को अपनाने के लिए निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि नए एजुकेशन सिस्टम की एक खास बात ये है कि इसमें 3 से 6 साल के बच्चों को भी फॉर्मल एजुकेशन सिस्टम में शामिल किया जाएगा, जो अच्छी बात है।

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