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Hindi News एजुकेशन अब सांसदों को इन विषयों पर ज्ञान देगी दिल्ली IIT, भारतीय संसद को मिलने वाला है 'नॉलेज पार्टनर'

अब सांसदों को इन विषयों पर ज्ञान देगी दिल्ली IIT, भारतीय संसद को मिलने वाला है 'नॉलेज पार्टनर'

दिल्ली IIT के निदेशक प्रोफेसर रंजन बैनर्जी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में मौजूदगी और एक नेशनल इंस्टिट्यूट होने के नाते फिलहाल इसके लिए एक पहल की है। इसके लिए हमने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से चर्चा की है और शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

Indian Parliament- India TV Hindi Image Source : PTI संसद भवन

दिल्ली IIT अपनी बेहतरीन रिसर्च और अविष्कारों के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता है। भारत का यह बेहतरीन उच्च शिक्षण संस्थान अब भारतीय संसद का 'नॉलेज पार्टनर' भी बन सकता है। इसकी पुष्टि खुद दिल्ली IIT के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने की है। बताया जा रहा है कि दिल्ली IIT के विशेषज्ञ अब भारतीय सांसदों को 5जी टेक्नोलॉजी, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन समेत आम लोगों से जुड़े कई विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां नियमित तौर पर प्रदान करेंगे।

शिक्षा मंत्रालय की मिल गई है अनुमति

दिल्ली IIT के निदेशक प्रोफेसर रंजन बैनर्जी ने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में मौजूदगी और एक नेशनल इंस्टिट्यूट होने के नाते फिलहाल इसके लिए एक पहल की है। इसके लिए हमने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से चर्चा की है और शिक्षा मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जाहिर सी बात है कि इन तमाम सहमतियों के साथ दिल्ली IIT द्वारा भारतीय संसद के 'नॉलेज पार्टनर' बनने के लिए शुरूआती प्रयास किए जा रहे हैं। खास बात यह भी है कि सांसदों को महत्वपूर्ण जानकारियां, रिसर्च और नए अविष्कार की नॉलेज साझा करने के दौरान भाषा की कोई बाधा नहीं होगी। सांसदों को विभिन्न विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारियां इंग्लिश, हिंदी और कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

इन विषयों से संबंधित जानकारी मुहैया कराएंगे

दिल्ली IIT का स्पष्ट कहना है कि वह संसद का नॉलेज पार्टनर बनना चाहेगा। इसके लिए बकायदा शिक्षा मंत्रालय के माध्यम से एक प्रस्ताव भी भेजा गया है। इस नई पहल के जरिए जल्द ही IIT-दिल्ली के प्रोफेसरों के अलग-अलग समूह महत्वपूर्ण मुद्दों पर सांसदों के साथ जुड़कर कई विषयों पर उनके ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं। दिल्ली IIT के प्रोफेसर देश के सांसदों को जिन विषयों पर जानकारी मुहैया करवाएंगे उनमें कम्युनिकेशन डिजिटल टेक्नोलॉजी के विषय में भारतीय सांसदों के साथ नॉलेज साझा की जा सकती है। इसके अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण विषय जैसे कि प्रदूषण पर भी दिल्ली IIT के प्रोफेसर्स भारतीय सांसदों को महत्वपूर्ण जानकारियां और तथ्य उपलब्ध करा सकते हैं।

इस योजना के तहत दिल्ली IIT के विशेषज्ञ सांसदों से मुलाकात करेंगे और उन्हें नई तकनीक और अविष्कारों की जानकारी सबसे पहले मुहैया कराएंगे। इसमें वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, कचरा निपटान के आधुनिक तरीके, कचरे से बिजली, टाइल, ईटें जैसी वस्तुओं की टेक्नोलॉजी सांसदों को बताना शामिल है। इसके अलावा भी अन्य महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि जलवायु परिवर्तन पर भी दिल्ली IIT के विशेषज्ञ भारतीय संसद के साथ महत्वपूर्ण जानकारियां और नॉलेज साझा कर सकते हैं।

प्रोजेक्ट समीर पर काम कर रहा है दिल्ली IIT

गौरतलब है कि वायु प्रदूषण जैसे गंभीर विषय पर दिल्ली IIT पहले ही भारत सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य कर रहा है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की एक पहल, 'दिल्ली रिसर्च इम्प्लीमेंटेशन एंड इनोवेशन' (DRI IV) के साथ दिल्ली IIT जुड़ चुका है। दिल्ली IIT के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रिसर्च इन क्लाइमेट चेंज एंड एयर पॉल्यूशन ने इसके लिए केंद्र के साथ साझेदारी की है। प्रदूषण के महत्वपूर्ण विषय पर केंद्र सरकार से की गई इस साझेदारी के तहत दिल्ली IIT नवंबर 2022 से फरवरी 2023 तक दिल्ली एनसीआर में एंगेजमेंट, इंजीनियरिंग और रिसर्च के माध्यम से एक खास प्रोजेक्ट 'समीर' पर काम कर रहा है। इसके जरिए दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम करने के उपायों पर काम किया जाएगा।

भाषा नहीं बनेगी बाधा

एक अच्छी बात यह भी है कि इसके साथ ही दिल्ली IIT भाषा के बंधन को भी तोड़ने का प्रयास कर रही है। दिल्ली IIT का मानना है कि सीखने के रास्ते में भाषा बाधा नहीं बननी चाहिए, दिल्ली IIT में इसके लिए बाकायदा एक हिंदी सेल का गठन किया गया है। दिल्ली IIT के निदेशक प्रोफेसर रंजन बनर्जी के मुताबिक फिलहाल हिंदी सेल का गठन किया गया है, लेकिन जल्द ही टीचिंग और लर्निंग में भी हिंदी को शामिल करने का प्रयास IIT दिल्ली द्वारा किया जाएगा। उनके मुताबिक इस विषय पर हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण बैठकें भी आयोजित की गई हैं। इन बैठकों में हिंदी भाषा में टीचिंग और लर्निंग उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई है।

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