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MAT Exam: मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट एक बार में होगा क्लियर, अपनाएं ये शानदार टिप्स

MAT Exam: एप्टीट्यूड टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जो कैंडिडेट्स के टैलेंट को पहचानने में कंपनी की मदद करता है। इसे साइकोमेट्रिक टेस्ट भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें फिजिकल और मेंटल से जुड़े दोनों ही टेस्ट शामिल होते हैं।

MAT Exam- India TV Hindi Image Source : FILE MAT Exam

Highlights

  • क्वेश्चन पेपर सीक्वेंस में सॉल्व न करें
  • हर आंसर को क्रॉस चेक करें
  • सभी सवालों को एटेम्पट करें

MAT Exam: आज के इस कॉम्पिटिशन भरे दौर में एक अच्छी नौकरी पाना कोई आसान बात नहीं है। कैंडिडेट्स को आजकल इसके लिए कई चीज़ों से गुजरना पड़ता है। इसमें कई टेस्ट और इंटरव्यू शामिल हैं। आमतौर पर किसी भी नौकरी के लिए कैंडिडेट्स को एप्टीट्यूड टेस्ट देना होता है। जिसे क्लियर करने के बाद उन्हें इंटरव्‍यू भी क्‍वालिफाई करना होता है। इसके बाद कहीं जाकर उन्हें नौकरी मिल पाती है।

क्या है एप्टीट्यूड टेस्ट?

एप्टीट्यूड टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जो कैंडिडेट्स के टैलेंट को पहचानने में कंपनी की मदद करता है। इसे साइकोमेट्रिक टेस्ट भी कहा जाता है। क्योंकि इसमें फिजिकल और मेंटल से जुड़े दोनों ही टेस्ट शामिल होते हैं। 

मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट क्लियर करने के लिए बेहतरीन टिप्स 

1. पुराने क्वेश्चन पेपर हल करें

अगर किसी कैंडिडेट को एप्टीट्यूड टेस्ट की तैयारी करनी है तो वो पिछले साल के पुराने क्वेश्चन पेपर सॉल्व करके अपनी तैयारी और मजबूत बना सकते हैं। इससे न सिर्फ उनकी प्रैक्टिस होगी बल्कि स्पीड भी बढ़ेगी। क्वेश्चन पेपर से प्रैक्टिस करते वक्त समय सीमा का खास ध्यान रखें।

2. टाइम मैनेज करें

अगर सभी पुराने क्वेश्चन पेपर्स से प्रैक्टिस कर चुके हैं, तो कुछ दिनों बाद मॉक टेस्ट पेपर को सॉल्व करना शुरू कर दें। इससे कैंडिडेट्स को अपने टाइम मैनेजमेंट स्किल को डेवलप करने का अच्छा मौका मिलेगा।

3. हर सवाल को अच्छी तरह पढ़ें

अकसर ऐसा देखा जाता है कि एप्टीट्यूड टेस्ट में कई क्वेश्चन के वर्ड्स और सेंटेंस को टुईस्ट कर दिया जाता है। ऐसे में अपना आंसर चुनने में जल्दबाज़ी बिलकुल भी न करें। सवाल को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद ही जवाब दें।

4. हर आंसर को क्रॉस चेक करें

अगर कैंडिडेट को किसी भी क्वेश्चन में कंफ्यूजन हो तो फाइनल आंसर मार्क करने से पहले कम से कम दो बार उसे चेक ज़रूर कर लें। कभी भी जल्दबाजी और ओवर कॉन्फिडेंस में आंसर मार्क न करें।

5. सभी सवालों को एटेम्पट करें

अगर कैंडिडेट सारे एप्टीट्यूड क्वेश्चन सॉल्व नहीं करते हैं तो सही जवाब देने के बावजूद भी उनके ओवरऑल स्कोर पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में सभी सवालों के जवाब देना ज़रूरी है।

6. नेगेटिव मार्किंग से बचें

एप्टीट्यूड टेस्ट में दो केस होते हैं। पहला ब्लैंक आंसर देने पर निगेटिव मार्किंग और दूसरा गलत आंसर देने पर भी निगेटिव मार्किंग। ऐसे में क्वेश्चन पेपर को ध्यान से पढ़कर आंसर चुना जाए तो निगेटिव मार्किंग से बचा जा सकता है। 

7. क्वेश्चन पेपर सीक्वेंस में सॉल्व न करें

हमेशा वही क्वेश्चन सबसे पहले सॉल्व करें जिससे टाइम की बचत हो और जिसके बारे में कॉन्फिडेंट हो। हमेशा हल्के सवालों को पहले सॉल्व करें, इससे टाइम तो बचेगा ही इसके साथ कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा।

8. स्वस्थ रहें

अगर कैंडिडेट एग्जाम में अपनी अच्छी परफॉर्मेंस देना चाहते हैं तो उनके लिए स्वस्थ रहना बेहद ज़रूरी है। एग्जाम के एक दिन पहले कम से कम 8 घंटे की नींद लें और पोषण से भरपूर खाना खाएं। 

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