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Hindi News एजुकेशन भारत में आने वाले हैं विदेशी यूनिवर्सिटियों के कैंपस, फीस, एडमिशन और आरक्षण पर UGC ने कही ये बात

भारत में आने वाले हैं विदेशी यूनिवर्सिटियों के कैंपस, फीस, एडमिशन और आरक्षण पर UGC ने कही ये बात

विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए अब यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग - India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO विश्वविद्यालय अनुदान आयोग

विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए अब यूजीसी से मंजूरी लेनी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शुरू में इन्हें 10 साल के लिये मंजूरी दी जायेगी और उन्हें एडमिशन प्रोसेस, फीस ढांचा तय करने की छूट होगी। कुमार ने यूजीसी (भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों का परिसर स्थापित करने एवं परिचालन करने) संबंधी नियमन 2023 पर मीडिया से चर्चा के दौरान यह बात कही। 

एडमिशन प्रक्रिया और फीस खुद कर सकेंगे तय
UGC के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत में परिसर स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों को अपनी खुद की एडमिशन प्रक्रिया तैयार करने की छूट होगी। ये संस्थान फीस ढांचा तय कर सकते हैं।’’ यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि यूरोप के कुछ देशों के विश्वविद्यालयों ने भारत में कैंपस स्थापित करने में रूचि दिखायी है। उन्होंने कहा कि चूंकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत सरकार से वित्त पोषित संस्थान नहीं हैं, ऐसे में उनकी दाखिला प्रक्रिया, फीस ढांचे के निर्धारण में यूजीसी की भूमिका नहीं होगी। 

शुरू में 10 साल के लिए ही मिलेगी मंजूरी
कुमार ने कहा, ‘‘विदेशी विश्वविद्यालयों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय कैंपसों में दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता, उनके मेन कैंपस में दी जाने वाली शिक्षा के समान ही गुणवत्तापूर्ण हो।’’ उन्होंने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालय, भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करके कैंपस स्थापित कर सकते हैं। यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में परिसर स्थापित करने के लिए यूजीसी की मंजूरी की जरूरत होगी और उन्हें शुरू में 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी। 

क्या इन विश्वविद्यालयों में भी लागू होगा आरक्षण?
UGC के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘विदेश से फंड का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत होगा।’’ कुमार ने कहा कि भारत में कैंपस स्थापित करने वाले विदेशी विश्वविद्यालय केवल कैंपस में रेगुलर क्लासेस के लिए फुलटाइम प्रोग्राम पेश कर सकते हैं, ऑनलाइन माध्यम या डिस्टेंस लर्निंग से नहीं। यह पूछे जाने पर कि क्या इन विदेशी विश्वविद्यालयों के परिसरों में आरक्षण नीति लागू होगी, कुमार ने कहा कि दाखिले संबंधी नीति निर्धारण के बारे में निर्णय विदेशी विश्वविद्यलय करेंगे और इसमें यूजीसी की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन प्रक्रिया और छात्रों की जरूरतों का आकलन करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति की व्यवस्था हो सकती है, जैसा कि विदेशों में विश्वविद्यालयों में होता है।

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