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JNU के कुलपति ने प्रभावी नेतृत्व के लिए पेश किया भगवान राम का उदाहरण

जेएनयू के कुलपति ने कहा कि एक प्रभावी नेता बनने के लिए अपनी आंतरिक क्षमता को समझना एक पूवार्पेक्षा है। उन्होंने कहा कि एक बार जब भगवान राम बेचैन थे तो वे अपने गुरु वशिष्ठ के पास गए। गुरु वशिष्ठ का दरवाजा खटखटा कर उन्होने पूछा कि मैं एक प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए यहां आया हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मैं कौन हूं।

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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के कुलपति प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने लीडरशिप का उदाहरण देते हुए भगवान राम की कहानी उदाहरण के रूप में पेश की है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान सकारात्मकता और नेतृत्व क्षमता के विषय पर यह उदाहरण पेश किए। प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि एक प्रभावी नेता बनने के लिए अपनी आंतरिक क्षमता को समझना एक पूवार्पेक्षा है। उन्होंने कहा कि एक बार जब भगवान राम बेचैन थे तो वे अपने गुरु वशिष्ठ के पास गए। गुरु वशिष्ठ का दरवाजा खटखटा कर उन्होने पूछा कि मैं एक प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए यहां आया हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मैं कौन हूं। इसका आशय यह है कि एक अच्छा नेता बनने के लिए व्यक्ति को यह जानना जरूरी है कि उसकी ताकत और कमजोरी क्या है?

गौरतलब है कि जेएनयू के मौजूदा कुलपति एम जगदीश कुमार का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इससे पहले उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय का कुलपति बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी। हालांकि इस पद पर अब डीटीयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह की नियुक्ति की जा चुकी है। फिलहाल आईआईटी दिल्ली समेत कई अन्य महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थानों में नियुक्तियां की जानी बाकी है।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के नए कुलपति की तलाश भी शुरू की जा चुकी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू कुलपति पद के लिए एक बार फिर से आवेदन मंगाए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा मंगवाए गए इन आवेदनों की अंतिम तिथि बीत चुकी है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक कुलपति के चयन की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के उपरांत विश्वविद्यालय को नया कुलपति मिलेगा।

जेएनयू में छात्रों के लिए रिओपनिंग शुरू हो चुकी है। जेएनयू के डिप्टी रजिस्ट्रार ने बताया कि चौथे चरण में एमएससी फाइनल ईयर और बीटेक चौथे वर्ष के सभी छात्रों को विश्वविद्यालय कैंपस में आने की अनुमति है।

जामिया और जेएनयू विश्वविद्यालय के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में भी नियंत्रित तरीके से छात्रों को कैंपस आने की इजाजत दी गई है। दिल्ली विश्वविद्यालय में भी फिलहाल विज्ञान एवं शोध से जुड़े छात्रों को ऑफलाइन कक्षाओं की इजाजत मिली है। वहीं अन्य विषयों के अधिकांश छात्रों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में भी अभी केवल ऑनलाइन कक्षाओं का ही विकल्प मौजूद है।

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