A
Hindi News एजुकेशन मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने कोरोना काल में विद्यार्थियों को सिर्फ ट्यूशन फीस देने के दिये निर्देश

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने कोरोना काल में विद्यार्थियों को सिर्फ ट्यूशन फीस देने के दिये निर्देश

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि विद्यार्थी/ अभिभावक उस वक्त तक स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस का भुगतान करेंगें जब तक सरकार कोरोना महामारी की समाप्ति का घोषणा नहीं कर देती है।

<p>Madhya Pradesh High Court directs students to pay...- India TV Hindi Image Source : PTI Madhya Pradesh High Court directs students to pay tuition fees only during the Corona period

जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि विद्यार्थी/ अभिभावक उस वक्त तक स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस का भुगतान करेंगें जब तक सरकार कोरोना महामारी की समाप्ति का घोषणा नहीं कर देती है। सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने बताया कि इसके अलावा अदालत ने निर्देश दिया कि शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को नीयत तारीख पर वेतन का नियमित भुगतान किया जाये और इसमें कटौती की राशि 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी तथा परिस्थितियां ठीक होने पर कटौती किये गये वेतन का भुगतान छह किश्तों में करना होगा।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव और न्यायाधीश राजीव कुमार दुबे की युगल पीठ ने हितधारकों जिसमें विद्यार्थी/ अभिभावक, शिक्षक और प्रबंधन/ संस्थान शामिल हैं के बीच संतुलन बनाने के लिये यह निर्देश जारी किये। युगलपीठ ने इस मामले में दायर सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छह अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किये थे। युगलपीठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना काल में निजी स्कूल छात्रों से केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं।

इस शैक्षणिक सत्र के दौरान सरकार कोरोना महामारी समाप्त होने के घोषणा करती है तो जिला स्तरीय फीस निर्धारण समिति बचे हुए सत्र के लिए स्कूल फीस का निर्धारण करेंगी। युगलपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि स्कूल प्रबंधन अपने शिक्षकों को नियमित वेतन का भुगतान करे। वह अधिकतम 20 प्रतिशत वेतन की कटौती कर सकते है और कटौती किये गये वेतन का भुगतान उन्हें परिस्थितियां सामान्य होने पर छह किस्तों में करना होगा। याचिका की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अजय गुप्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता पंकज दुबे, अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय आदि ने पैरवी की।

Latest Education News