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Hindi News एजुकेशन "परिसर में तनाव, अपमान और..." विजिटर्स कांफ्रेंस में छात्रों की आत्महत्या पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

"परिसर में तनाव, अपमान और..." विजिटर्स कांफ्रेंस में छात्रों की आत्महत्या पर बोलीं राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजिटर्स कांफ्रेंस में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा, छात्र आत्महत्याओं को रोकना शैक्षणिक संस्थानों का पहला गोल होना चाहिए।

President Droupadi Murmu- India TV Hindi Image Source : PIB राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

कॉलेज यूनिवर्सिटी कैम्पस में तनाव, अपमान और उपेक्षा को छात्रों द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही छात्रों की आत्महत्या को रोकना एकेडमिक इंस्टिट्यूशन का सर्वोच्च फोकस होना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 जुलाई को राष्ट्रपति भवन में आयोजित विजिटर्स कांफ्रेंस में ये बातें कहींविजिटर्स कांफ्रेंस में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, राष्ट्रपति ने कहा कि संस्थानों के प्रमुखों, प्रशिक्षकों और कर्मचारियों को विद्यार्थियों को अपने घरों के समान एक सुरक्षित और देखभाल वाला वातावरण देने की कोशिश करनी चाहिए। इस शनिवार को आईआईटी दिल्ली में एक 20 वर्षीय छात्र द्वारा आत्महत्या की घटना की ओर इशारा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी दुखद घटनाएं कई अन्य एकेडमिक इंस्टिट्यूशन में हुई हैं।

छात्रों की रक्षा और समर्थन करना एकेडमिक इंस्टिट्यूशन की प्राथमिकता

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा, "यह शिक्षा के क्षेत्र में सभी के लिए चिंता का विषय है। अपने परिसरों में तनाव, अपमान या उपेक्षा के खिलाफ अपने छात्रों की रक्षा और समर्थन करना एकेडमिक इंस्टिट्यूशन की प्राथमिकता होनी चाहिए। एक समझदार और उत्तरदायी प्रमुख के रूप में एक परिवार के सभी प्रमुखों, शिक्षकों और संस्थानों के कर्मचारियों को छात्रों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "आप छात्रों के मार्गदर्शक और अभिभावक दोनों हैं। संस्थानों के प्रमुखों, शिक्षकों और कर्मचारियों का यह प्रयास होना चाहिए कि वे छात्रों को उनके घर जैसा सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण दें।"

बेटियां मौका मिलने पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं

गौरतलब है कि 8 जुलाई को आईआईटी दिल्ली में 20 वर्षीय बीटेक छात्र ने अपने छात्रावास के कमरे में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हमारी बेटियां मौका मिलने पर बेहतर प्रदर्शन करती हैं। उन्होंने बताया कि अधिक लड़कियां टेक्निकल से संबंधित संस्थानों में एडमिशन ले रही हैं। उन्होंने कहा कि एसटीईएम क्षेत्रों में महिला छात्रों के एनरेलमेंट और एकेडमिक सफलता को प्रोत्साहित करने के लिए पहल की जानी चाहिए।

हायर एकेडमिक इंस्टीट्यूशन दुनिया में ख्याति प्राप्त कर रहे

यह एक तथ्य है कि क्वालिटी रिसर्च के माध्यम से नए ज्ञान का सृजन करने वाले हायर एकेडमिक इंस्टीट्यूशन दुनिया में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। कई नोबेल पुरस्कार विजेता इन शैक्षणिक संस्थानों में रिसर्चर का मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे वैश्विक ढांचे में, हम भारत को एक ज्ञान शक्ति के रूप में स्थापित करने के अपने सहयोगात्मक प्रयास में प्रगति कर रहे हैं। समर्पण, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत के बल पर हम हायर एजुकेशन के राष्ट्रीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए एकेडमिक इंस्टिट्यूशन्स को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभानी होगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि युवा पीढ़ी अपने शिक्षकों और सफल व्यक्तित्वों में अपना आदर्श देखती है। वे अपने व्यवहार से जो मानक और उदाहरण स्थापित करते हैं, वे महत्वपूर्ण हैं। संस्थानों को युवा लोगों के चरित्र विकास पर महत्वपूर्ण ध्यान देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मजबूत नैतिकता वाले युवा, जो समसामयिक सूचना, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित हैं, एक बेहतर समाज और देश का निर्माण करेंगे। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने विजिटर्स अवार्ड 2021 दिए थे।

(इनपुट- पीटीआई)

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