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यौन उत्पीड़न मामला: ऑनलाइन सुनवाई में पेश हुए महेश भट्ट, मौनी-उर्वशी के ना आने से NCW नाराज

आयोग ने उर्वशी रौतेला और मौनी रॉय के न आने पर नाराजगी जताई। आयोग ने एक ट्वीट में कहा, "मौनी रॉय और उर्वशी रौतेला हमारी ओर से भेजे गए कई निर्देशों के बावजूद निर्धारित सुनवाई में शामिल नहीं हुईं।"

Sexual harassment case: Mahesh Bhatt appeared National Commission for Women, MOUNI ROY, URVASHI RAUT- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM मौनी-उर्वशी के ना आने से NCW  नाराज

नई दिल्ली: मॉडलिंग का मौका देने के नाम पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति और उसकी कंपनी को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद, निर्देशक महेश भट्ट समेत कई गवाहों के बयान दर्ज किए। आईएमजी वेंचर्स नाम की कंपनी कथित रूप से यौन उत्पीड़न कर महिलाओं को ब्लैकमेल करती थी। आयोग ने उर्वशी रौतेला और मौनी रॉय के न आने पर नाराजगी जताई। आयोग ने एक ट्वीट में कहा, "मौनी रॉय और उर्वशी रौतेला हमारी ओर से भेजे गए कई निर्देशों के बावजूद निर्धारित सुनवाई में शामिल नहीं हुईं।"

आयोग ने भारत में पीपुल्स अगेंस्ट रेप्स (परी) की संस्थापक योगिता भयाना द्वारा दायर एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद महेश भट्ट, सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, मौनी रॉय, रणविजय सिंह, प्रिंस नरूला और ईशा गुप्ता को समन जारी किया था।

फिल्मकार महेश भट्ट ऑनलाइन सुनवाई के लिए उपस्थित हुए। भट्ट ने आयोग को इस मामले के संबंध में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, "तीन लड़कियों के पिता के रूप में मैं योगिता और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा उठाए गए इस कदम का सम्मान करता हूं और इसके लिए पूरा सहयोग दूंगा।"

उन्होंने आईएमजी वेंचर्स या सनी वर्मा के साथ किसी भी संबंध से इनकार किया और कहा, "मैंने ना तो कोई समझौता किया ना ही इस काम के लिए पैसा लिया। दुर्भाग्य से मेरे नाम और सोशल मीडिया से लिए गए फोटो का इस घटना के संबंध में दुरुपयोग किया गया।"

एनसीडब्ल्यू ने ऑनलाइन सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान दर्ज किए और अब अपने निष्कर्षों के आधार पर वह एक रिपोर्ट तैयार करेगा। शिकायत के अनुसार, आईएमजी वेंचर्स के प्रमोटर सनी वर्मा ने मॉडलिंग के अवसर देने के बहाने कथित रूप से कई महिलाओं को ब्लैकमेल किया और उनका यौन शोषण किया।

भयाना ने अपनी शिकायत में कहा था, "कई टीवी और फिल्म अभिनेता एक वीडियो विज्ञापन के जरिए उसकी कंपनी को प्रमोट कर रहे हैं।"

कंपनी खुद को वास्तविक दिखाने के लिए 2950 रुपये का प्रवेश शुल्क भी ले रही थी। लड़कियों द्वारा आवेदन किए जाने के बाद सनी वर्मा की महिला सहयोगियों ने कथित रूप से उनसे प्रतियोगिता में बेहतर रैंकिंग प्राप्त करने के लिए अपनी नग्न तस्वीरों को पेश करने का सुझाव दिया था।

शिकायत में कहा गया, "नग्न तस्वीरें लेने के बाद सनी लड़कियों से नग्न वीडियो देने के लिए कहता था। वह मॉडलिंग में करियर बनाने और प्रतियोगिता में जिताने के नाम पर उनका यौन उत्पीड़न करता था।"

अपनी शिकायत में भयाना ने आगे कहा, "मुझे सनी वर्मा और आईएमजी के खिलाफ कई लड़कियों से कई पत्र, मैसेज और ऑडियो क्लिप सुबूत के तौर पर मिले हैं। लड़कियों ने कहा है कि उनके नाम और पहचान का खुलासा नहीं किया जाए। उन्होंने सनी वर्मा के साथ अपने चैट के स्क्रीन शॉट्स और ऑडियो कॉल रिकॉर्ड भी साझा किए हैं। यह चैट सनी वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों को सच साबित करती हैं।"

कल महेश भट्ट ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट करके भी इस मामले में अपना पक्ष रखा था। महेश भट्ट ने लिखा था कि उन्हें खुशी है कि महिला आयोग अपना काम कर रही है, महेश भट्ट ने स्टेटमेंट में यह भी बताया कि उनका आईएमजी वेंचर सनी वर्मा और मिस्टर एंड मिसेज ग्लैमर 2020 से कोई लेना देना नहीं है। महेश ने कहा- मेरे नाम और पद का गलत इस्तेमाल प्रमोशन के लिए किया गया है। महेश भट्ट ने कहा कि वो 71 साल के हैं और वो ज्ञान बांटने और सोशल मुद्दों में सपोर्ट करने में भरोसा रखते हैं। मैं तीन बेटियों का पिता हूं और मैं मिस योगिता और महिला आयोग को पूरा सहयोग देने का वादा करता हूं।

इनपुट- आईएएनएस

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