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Hindi News Explainers बृजभूषण शरण के गुट पर सरकार ने लगाया धोबी पछाड़, जानिए किस वजह से संजय सिंह समेत पूरे पैनल को किया टाटा-बाय-बाय

बृजभूषण शरण के गुट पर सरकार ने लगाया धोबी पछाड़, जानिए किस वजह से संजय सिंह समेत पूरे पैनल को किया टाटा-बाय-बाय

खेल मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि नए अध्यक्ष की तरफ से लिए गए फैसले देखकर लगता है कि सभी आदेश पुराने पदाधिकारी ही ले रहे हैं। यह नियमों के खिलाफ है, जिस वजह से अगले आदेशों तक कुश्ती संघ की सभी कार्रवाई निलंबित की जाती हैं।

 Brij Bhushan Sharan Singh, Sanjay Singh, Wrestling Association of India, Sports Ministry- India TV Hindi Image Source : FACEBOOK बृजभूषण सिंह के पूरे गुट पर सरकार ने लगाया धोबी पछाड़

नई दिल्ली: पिछले लगभग एक साल से पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह समेत पूरे पैनल को ही सस्पेंड कर दिया है। सरकार ने अपने आदेश में कहा है कि अगले आदेश तक कुश्ती संघ के सभी कामों पर रोक लगा दी है।

खेल मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में बताया गया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने अध्यक्ष चुने जाने के बाद सबसे पहले घोषणा की थी कि कुश्ती के अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय मुकाबले नंदिनी नगर, गोंडा यूपी में होंगे। इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले पहलवानों को पर्याप्त सूचना दिए बिना और डब्ल्यूएफआई के संविधान के प्रावधानों का पालन किए बिना, यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है।

नए अध्यक्ष ने WFI के नियमों का नहीं किया पालन- मंत्रालय 

WFI के संविधान की प्रस्तावना के खंड 3 (ई) के अनुसार, डब्ल्यूएफआई का उद्देश्य, अन्य बातों के अलावा, कार्यकारी समिति द्वारा चयनित स्थानों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू नियमों के अनुसार सीनियर, जूनियर और सब जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की व्यवस्था करना है। ऐसे निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडे को विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है। इसके अलावा, कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने अभी तक डब्ल्यूएफआई के निलंबन को हटाने के लिए आधिकारिक सूचना जारी नहीं की है। 

नई संस्था पूर्व पदाधिकारियों के कब्जे में है

इसके साथ खेल मंत्रालय ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नवनिर्वाचित संस्था खेल संहिता की पूरी तरह से अवहेलना करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के कब्जे में है। कुश्ती महासंघ का काम पुराने पदाधिकारियों के परिसरों से चल रहा है। इसमें वे परिसर भी शामिल हैं, जहां महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात कही गई है। वर्तमान में अदालत में भी इस मामले की सुनवाई चल रही है।

इन फैसलों में संघ के प्रमुख की पूरी तरह से मनमानी दिख रही

इसके साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के नवनिर्वाचित कार्यकारी निकाय द्वारा लिए गए निर्णय स्थापित कानूनी और प्रक्रियात्मक मानदंडों की घोर उपेक्षा को दर्शाते हैं, जो डब्ल्यूएफआई के संवैधानिक प्रावधानों और राष्ट्रीय खेल विकास संहिता दोनों का उल्लंघन करते हैं। खेल मंत्रालय ने कहा कि इन फैसलों में संघ के प्रमुख की पूरी तरह से मनमानी दिख रही है, जो सुशासन के स्थापित सिद्धांतों के खिलाफ है और पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया से रहित है।