लद्दाख में 14000 फीट की ऊंचाई पर 50 हजार जवान! जानें, स्ट्राइक कोर के 'पर्वत प्रहार' की खास बातें

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    सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आज LAC पर पर्वत प्रहार (PARVAT PRAHAR) अभ्यास देखा और उन्हें ग्राउंड पर कमांडरों द्वारा ऑपरेशन तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने अधिकारियों और सैनिकों के साथ बातचीत की और उनकी दृढ़ता और पेशेवर मानकों के लिए उनकी सराहना की। ये एक्साइज़ भारतीय सेना की वन स्ट्राइक कोर ने की है जिसके कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल गजेंद्र जोशी है।

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    स्ट्राइक कोर का मतलब है कि अगर कहीं पर भी चीन या पाकिस्तान हरकत करता है तो सबसे पहले ये अंदर घुसके उसका सफ़ाया करेंगे। इस दौरान स्ट्राइक कोर से लेकर माउंटेन स्ट्राइक कोर की लद्दाख वाली पर्वत प्रहार की तैयारी देखने को मिली। भारतीय सेना के चीफ़ ने आधुनिक हथियारों से लेकर गोगरा तक की हलचल देखी।

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    इंडिया TV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक़ ये 20 दिन चलने वाली पर्वत प्रहार नाम की भारतीय सेना की एक्सरसाइज है। इसका उद्देश्य है भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर को माउंटेन स्ट्राइक कोर के तौर पर कन्वर्ट करना।

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    भारतीय सेना ने सोचे समझे तरीक़े से रणनीतिक तौर पर राजस्थान और आस-पास के इलाकों में जो फौज के पूरे दस्ते थे उनको पहली बटालियन ब्रिगेड और फिर डिविज़न लेवल पर लद्दाख के इलाकों मे तैनात किया और फिर सो मोरी से लेकर ऊंची-ऊंची पहाड़ियों पर इनकी तैनाती की।

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    इसमें भारतीय सेना के स्ट्राइक कोर के जवान पूरी तरह से शामिल थे और कुल मिलाकर 56 हज़ार जवानों की ये एक्सरसाइज थी। इसमें भारतीय सेना के स्ट्राइक कोर के अलावा चौधरी कोर के तीन डिवीज़न के जवान भी शामिल थे। इस अभ्यास में सो मोरी से लेकर पेंगोंग सो तक की नाले और दरियाओं के साथ-साथ जो नाली हैं उनके ऊपर जो ब्रिज बने हैं उनके ऊपर भी एक्सरसाइज की गई।

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    इंडिया TV को इस बात की भी जानकारी मिली है कि भारतीय सेना के चीफ़ जनरल मनोज पांडे और नॉर्दन आर्मी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को इस पूरी एक्सरसाइज के बारे में जानकारी दी गई। यहां तक कि चीन के ऑर्डर ऑफ़ बैटल को समझाते हुए बताया गया कि रणनीतिक तौर पर किस तरह से भारतीय सेना की अचूक तैयारी है।

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    इस समय भारतीय सेना के तकरीबन 50 हज़ार के लगभग सैनिकों की तैनाती लद्दाख के लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल और उसके आस पास है। ये चीन की चालबाज़ी के बाद पिछले दो सालों से हुआ है। हालांकि चीन-डीसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत कार्य कर रहा है, लेकिन उसके बावजूद भी उस पर विश्वास करना बेहद मुश्किल है।

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    इसलिए सोचे समझे तरीक़े से भारतीय सेना ने अपने स्ट्राइक कोर और माउंटेन स्ट्राइक कोर के जवानों को लद्दाख़ और उसके आस पास के इलाकों में पूरी आधुनिक साजो सामान के साथ तैयारी करवाई है। चीन अगर अपने रूटों का निर्माण कर रहा है तो भारत ने भी अपने रोड और अपने हथियारों को आधुनिक बनाया है। इसीलिए इस वक्त वहां पर आधुनिक तोपों से लेकर और भी तैनाती की गई है।

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    कुल मिलाकर 50000 सेना के अधिकारी और जवानों सहित सभी 14000 फीट से अधिक ऊंचाई पर एक्सरसाइज के लिए मौजूद थे। ये पहली बार है जब लद्दाख में इतना बड़ा सैन्य अभ्यास हुआ है। भारतीय सेना के 1 स्ट्राइक कोर का अभ्यास जो माउंटेन स्ट्राइक कोर के रूप में काम करता है।