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तालिबान मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार को घेरा, कहा-स्पष्ट करें कि यह आतंकवादी संगठन है या नहीं

इस मुलाकात के दौरान उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए। 

Are Taliban Terrorists Or Not: Omar Abdullah On India-Afghanistan Talks- India TV Hindi Image Source : PTI कतर में भारत के राजदूत की तालिबान नेता से मुलाकात पर विपक्ष ने अब मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

जम्मू: कतर में भारत के राजदूत की तालिबान नेता से मुलाकात पर विपक्ष ने अब मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बाद अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले तय तो करे कि तालिबान आतंकी संगठन है या नहीं। उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह संगठन को एक आतंकवादी संगठन मानती है या नहीं। 

दोहा में एक भारतीय प्रतिनिधि ने मंगलवार को तालिबान नेता से मुलाकात की थी। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तालिबान एक आतंकवादी संगठन है या नहीं। कृपया हमें स्पष्ट करें कि आप (भारत सरकार) तालिबान को कैसे देखते हैं।’’ पहले औपचारिक और सार्वजनिक रूप से स्वीकृत संपर्क में कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के दौरान उन्होंने भारत की उन चिंताओं को उठाया था कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा, "क्या तालिबान एक आतंकवादी संगठन है और यदि ऐसा नहीं है तो क्या आप इसे आतंकवादी संगठन के रूप में सूची से हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र जाएंगे।’’

खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने सवाल किया कि अगर तालिबान एक आतंकवादी संगठन है तो सरकार कतर में उनसे क्यों बात कर रही है? उन्होंने कहा, ‘‘वे तालिबान से बात कर रहे हैं। आज की खबरों में है कि आप कतर में एक-दूसरे से बात कर रहे हैं। अगर आप उनसे बात कर रहे हैं तो मुझसे यह सवाल क्यों पूछ रहे हैं? वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या भारत को तालिबान के साथ बात करनी चाहिए और उसे एक मौका देना चाहिए।"

अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से पूछा, "क्या तालिबान एक आतंकवादी संगठन है या नहीं। कृपया स्पष्ट करें कि आप (भारत सरकार) तालिबान को कैसे देखते हैं।" उन्होंने कहा, "अगर वे एक आतंकवादी संगठन हैं, तो आप (भारत सरकार) उनसे बात क्यों कर रहे हैं? अगर वे आतंकवादी संगठन नहीं हैं, तो आप उनके बैंक खातों पर प्रतिबंध क्यों लगा रहे हैं। आप उनकी सरकार को मान्यता क्यों नहीं दे रहे हैं? पहले अपना रुख तय कर लें।’’

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