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Hindi News भारत राजनीति यह महागठबंधन नहीं ‘ठगबंधन’ है, PM मोदी के नेतृत्व में राजग सत्ता में वापसी करेगा: अश्विनी चौबे

यह महागठबंधन नहीं ‘ठगबंधन’ है, PM मोदी के नेतृत्व में राजग सत्ता में वापसी करेगा: अश्विनी चौबे

राजग गठबंधन से उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा के अलग होने तथा शिवसेना एवं लोजपा के कड़े तेवर के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि राजग में कोई टूट नहीं है। राजग सशक्त और एकजुट है। राजग पहले से मजबूत हुआ है। राजग में सभी सहयोगी अपनी बात रख सकते हैं। यही इसकी खूबसूरती है।

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नयी दिल्ली: विपक्ष के महागठबंधन को ‘ठगबंधन’ की संज्ञा देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने बृहस्पतिवार को कहा कि वैचारिक रूप से परस्पर विरोधी मत रखने वाले दलों का यह गठबंधन वास्तविकता से परे है और ‘भानुमति का यह कुनबा’ अपना भार नहीं संभाल पायेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा नीत राजग 2019 का लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बड़े बहुमत से जीतेगा। चौबे ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई महागबंधन जैसी बात नहीं है। वर्षो तक इन दलों ने जनता को ठगने का काम किया और अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिये महागठबंधन की बात कर रहे हैं। वास्तव में इनका मकसद भ्रम फैलाकर जनता को ठगना ही है।’’

उन्होंने कहा कि महागठबंधन भानुमति के कुनबे की तरह है। आने वाले दिनों में स्थिति सबके सामने स्पष्ट हो जायेगी। महागठबंधन एक भम्र है, छलावा है। राजग गठबंधन से उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा के अलग होने तथा शिवसेना एवं लोजपा के कड़े तेवर के बारे में पूछे जाने पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि राजग में कोई टूट नहीं है। राजग सशक्त और एकजुट है। राजग पहले से मजबूत हुआ है। राजग में सभी सहयोगी अपनी बात रख सकते हैं। यही इसकी खूबसूरती है।

उन्होंने कहा कि बिहार में 40 सीटों पर राजग की स्थिति बेहद मजबूत है और आने वाले चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करेंगे। अश्विनी चौबे ने कहा कि कुशवाहा राजग में थे, वे सरकार में मंत्री भी रहे, सत्ता का सुख भोगा और अब वे अलग हो गए हैं। कुशवाहा कहां जायेंगे, यह बात वह ही बता सकते हैं और उनका भाग्य जनता तय करेगी। उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा हमारे साथ है और आगे भी साथ रहेगी।

उन्होंने जोर दिया कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास के मंत्र के साथ काम करती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश प्रगति के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। पिछले साढ़े चार साल में देश का जितना विकास हुआ है, उतना पिछले 55-60 वर्षो के कांग्रेस के शासनकाल में नहीं हो सका। उल्लेखनीय है कि बिहार में सम्मानजनक सीटों की मांग को लेकर कुछ ही दिनों पहले उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी राजग से अलग हो गई थी और कुशवाहा ने मंत्रिपरिषद से भी इस्तीफा दे दिया था। 

इससे पहले आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने के मुद्दे पर चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी राजग से अलग हो गई थी। इसके बाद दो दिन पहले लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद एवं रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान ने कहा था कि तेदेपा और रालोसपा के जाने पर राजग अब नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। चिराग पासवान ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ भी की थी। लोजपा ने बिहार में सीटों के बंटवारे को जल्द अंतिम रूप देने की मांग की है।

वहीं, महाराष्ट्र में शिवेसना और भाजपा के रिश्ते तल्ख है। शिवसेना अनेक मुद्दों पर भाजपा की आलोचना करती रही है। बहरहाल, राम मंदिर के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में अश्विनी चौबे ने कहा कि राम मंदिर भाजपा के लिये चुनावी मुद्दा नहीं है । राम हर हिन्दुओं के रोम-रोम में बसे हैं। उन्होंने इसके साथ ही जोर दिया कि हिन्दू, मुस्लिम समेत देश में विभिन्न वर्गो की इच्छा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो।

किसानों की कर्जमाफी के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है। कांग्रेस बताये कि कहां से कर्जमाफी करेगी? कांग्रेस यह भी बताये कि क्या वह किसानों को कर्जदार बनाये रखना चाहती है? उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज के विषय को समग्रता से देखे जाने की जरूरत है। वे अपने पैरों पर खड़े हों। यह जरूरी है जिससे आगे किसानों को कर्ज लेने की जरूरत ही नहीं पड़े। 60 साल के कांग्रेस के शासन के बावजूद किसान की स्थिति इतनी खराब क्यों है? यह कांग्रेस बताए।

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