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बंगाल के लोग कह रहे हैं ‘दीदी के छोड़ो और मोदी के बोलो’: शिवराज चौहान

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘दीदी के बोलो’ अभियान का मखौल उड़ाते हुए इसे एक ‘‘हताश प्रयास’’ करार दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग ‘‘दीदी के छोड़ो’’ और ‘‘मोदी के बोलो’’ कहना चाहते हैं।

Mamata Banerjee and Shivraj Singh Chouhan - India TV Hindi Mamata Banerjee and Shivraj Singh Chouhan File Photo

कोलकाता: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘दीदी के बोलो’ अभियान का मखौल उड़ाते हुए इसे एक ‘‘हताश प्रयास’’ करार दिया और कहा कि पश्चिम बंगाल के लोग ‘‘दीदी के छोड़ो’’ और ‘‘मोदी के बोलो’’ कहना चाहते हैं। लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद बनर्जी ने जनता तक पहुंचने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत पार्टी के एक हजार नेता अगले 100 दिन में 10 हजार गांवों की यात्रा करेंगे और जनता की समस्याओं को जानकर उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे। इस कार्यक्रम को चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज माना जा रहा है। इसके लिए बनर्जी ने लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9137091370 और वेबसाइट www.didikebolo.com लॉन्च की है, ताकि वे सीधे पार्टी पदाधिकारियों से रू-ब-रू हो सकें। 

चौहान ने कहा, ‘‘ ममता बनर्जी के कुशासन ने बंगाल को बर्बाद कर दिया। अगर वह पहले जनता का दुख सुनतीं तो स्थिति काफी बेहतर होती।’’ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग यह कहने को अधिक इच्छुक हैं कि ‘‘दीदी के छोड़ो और मोदी के बोलो’’। उन्होंने प्रशांत किशोर को तृणमूल कांग्रेस द्वारा अपना चुनावी रणनीतिकार नियुक्त किए जाने का भी उपहास उड़ाया और कहा कि यह दर्शाता है कि तृणमूल के पास अच्छे नेता नहीं हैं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे और बनर्जी की बुधवार शाम होने वाली बैठक पर चौहान ने कहा कि ‘‘दो नाकाम नेता अपने आपको बचाने के लिए’’ मुलाकात कर रहे हैं। 

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