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कांग्रेस का दावा, 'BJP ने तो संसद में कह दिया था कि मां सीता तो कभी थी ही नहीं'

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल कहा था कि कांग्रेस पार्टी अपने आप को पांडवों से जोड़ना चाहती है। यह वही पार्टी है जिसने भगवान राम के बुनियादी वजूद पर ही सवाल खड़ा कर दिया था...

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नई दिल्ली: कांग्रेस पर भगवान राम का अस्तित्व नहीं मानने के भाजपा नेता निर्मला सीतारमण के आरोप पर पलटवार करते हुए पार्टी ने आज दावा किया कि राम के नाम पर वोट बटोरने वाली भाजपा की सरकार ने ‘संसद के पटल पर तो यह कह दिया कि मां सीता तो कभी थी ही नहीं।’’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कल पार्टी महाधिवेशन में भाजपा एवं आरएसएस की तुलना कौरवों एवं अपनी पार्टी की तुलना पांडवों से की थी। इस बयान को लेकर हमला बोलते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल कहा था कि कांग्रेस पार्टी अपने आप को पांडवों से जोड़ना चाहती है। यह वही पार्टी है जिसने भगवान राम के बुनियादी वजूद पर ही सवाल खड़ा कर दिया था।

निर्मला की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने आज संवाददाताओं से कहा कि उनकी बातें बेबुनियाद एवं तथ्यों से परे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘क्या निर्मला सीतारमण जी यह जानती हैं कि भाजपा एक ऐसा राजनीतिक दल है जिसने देश की संसद के पटल पर यह कह दिया कि मां सीता तो कभी थी ही नहीं।’’

सुरजेवाला ने कहा कि इस देश में क्या कोई यह कल्पना कर सकता है कि जो राम के नाम पर वोट बटोरेंगे और कहेंगे कि माँ सीता तो थी ही नहीं। ‘‘इससे ज्यादा कुत्सित प्रयास क्या हो सकता है।’’ 

उन्होंने 12 अप्रैल, 2017 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में संस्कृति मंत्री के बयान का हवाला दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री जी ने कहा कि सीता की जन्मस्थली आस्था का विषय है, जो प्रत्यक्ष प्रमाण पर निर्भर नहीं करता।...भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में अब तक सीतामढी जिला बिहार में कोई खनन नहीं किया है, अत: इसके पास सीतामढी की सीता के जन्मस्थली के रुप में होने से संबंधी कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है।’’

सुरजेवाला ने कहा कि इस देश के सांस्कृतिक मंत्री यह कहते हैं कि सीता माता हैं नहीं। ‘‘इससे ज्यादा बड़ा कु-कृत्य मोदी सरकार क्या कर सकती है? वोट बटोरनी हो तो सीता और राम दोनों। जब वोट बटोर कर शासन ले लें तो सीता माँ का कोई अस्तित्व नहीं। ’’

उन्होंने रामसेतु विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि जिस रामसेतु के अलायंमेंट को लेकर भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है, 2000-01 के बजट में उसी की सरकार ने इसी अलायंमेंट के साथ रामसेतु के बारे में निर्णय किया था। उन्होंने इस संदर्भ में 29 फरवरी 2000 के बजट भाषण का हवाला दिया जिसमें सेतु समुंद्रम पोत नहर परियोजना की विस्तृत व्यवहार्यता एवं पर्यावरण प्रभाव परियोजना के लिए कुल 4.8 करोड़ रूपये के आवंटन की घोषणा की गयी थी। 

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