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Hindi News भारत राजनीति CM योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर विवाद, विपक्षी दलों ने की आलोचना

CM योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर विवाद, विपक्षी दलों ने की आलोचना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा की गई 'अब्बा जान' संबंधी टिप्पणी की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है और इसे असंसदीय भाषा करार दिया है।

CM योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर विवाद, विपक्षी दलों ने की आलोचना- India TV Hindi Image Source : ANI CM योगी के 'अब्बा जान' वाले बयान पर विवाद, विपक्षी दलों ने की आलोचना

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा की गई 'अब्बा जान' संबंधी टिप्पणी की विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है और इसे असंसदीय भाषा करार दिया है। मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ''मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भाजपा की मंशा घोर सांप्रदायिकता और नफरत के अलावा किसी अन्य एजेंडे पर चुनाव लड़ने की नहीं है तथा उसका सारा जहर मुस्लिमों के प्रति होता है। यहां एक मुख्यमंत्री हैं जो दोबारा यह दावा कर चुनाव जीतना चाहते हैं कि मुस्लिमों ने हिंदुओं के हिस्से का पूरा राशन खा लिया।’’ 

सीएम योगी ने रविवार को कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दर्शकों से पूछा था कि क्या उन्हें राशन मिल रहा है और 2017 से पहले यह राशन उन्हें कहां से मिल रहा था? मुख्यमंत्री ने कहा था, ''क्योंकि तब 'अब्बा जान' कहे जाने वाले लोग राशन को खा जाते थे। कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था। आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा।'' 

समाजवादी पार्टी (सपा) के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें (योगी आदित्यनाथ) असंसदीय भाषा का उपयोग शोभा नहीं देता, और यह दर्शाता है कि वह कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जो पढ़े-लिखे हैं, वे उचित और सम्मानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति को ऐसी भाषा के इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसी भाषा का इस्तेमाल लोकतंत्र के लिए भी दुखद है।" 

वहीं, कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता अशोक सिंह ने योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा वास्तव में लोकतंत्र को कलंकित करती है, और इसका उद्देश्य समाज को विभाजित करना है।''

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