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किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस, आप 14 दिसंबर को पंजाब में करेंगी प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी 14 दिसंबर को राज्यस्तरीय प्रदर्शन करगी। दोनों दलों ने कहा कि वे कंधा से कंधा मिलाकर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करते रहेंगे। 

Congress, AAP to hold protests in Punjab on Dec 14 in solidarity with farmers- India TV Hindi Image Source : PTI कांग्रेस और आम आदमी पार्टी 14 दिसंबर को राज्यस्तरीय प्रदर्शन करगी।

चंडीगढ़: कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी 14 दिसंबर को राज्यस्तरीय प्रदर्शन करगी। दोनों दलों ने कहा कि वे कंधा से कंधा मिलाकर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ खड़े हैं और उनका समर्थन करते रहेंगे। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के समर्थन में 14 दिसंबर को शंभू (अंतर-राज्यीय) सीमा पर बड़ा प्रदर्शन करेगी।

राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और पार्टी के विधायकों के साथ बैठक के इतर संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी उसी दिन किसानों द्वारा आहूत जिला स्तरीय प्रदर्शन में भी हिस्सा लेगी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन का आयोजन इसलिए किया जाएगा कि असंवेदनशील और अड़ियल रवैया दिखा रही केंद्र सरकार किसानों की आवाज सुने। 

जाखड़ ने कहा कि प्रदर्शन दिन में ग्यारह बजे से तीन बजे तक होगा। आप की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष और संगरूर के सांसद भगवंत मान ने भी कहा कि उनकी पार्टी किसानों द्वारा आहूत 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का खुलकर समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी नए कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को समूचे पंजाब में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। 

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जाखड़ ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों के मुद्दे पर जल्द ही एक बड़ी रैली आयोजित करेगी। जाखड़ ने कहा, ‘‘अगर केंद्र ने इन कानूनों को बनाने के पहले किसानों से बातचीत की होती तो किसी को यह सब नहीं करना पड़ता। ना तो किसानों को अपने घर से दूर सर्दी में विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ता और ना ही आम लोगों को कोई दिक्कतें होती।’’ 

गौरतलब है कि केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हैं। सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार करार दिया है। वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को समाप्त कर देंगे। केंद्र सरकार बार-बार इस बात पर जोर दे रही है कि एमएसपी और मंडी प्रणाली जारी रहेगी और इसमें और सुधार किया जाएगा। 

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