Hindi News भारत राजनीति संयुक्त सचिवों की नियुक्ति से एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म हो जाएगा: कांग्रेस

संयुक्त सचिवों की नियुक्ति से एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म हो जाएगा: कांग्रेस

खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार संयुक्त सचिव के साथ उप-सचिव और निदेशक स्तर के कई पदों पर भी निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रही है।

‘सरकार में 40 फीसदी की नियुक्ति में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म’- India TV Hindi ‘सरकार में 40 फीसदी की नियुक्ति में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म’

नई दिल्ली: केंद्र सरकार में कई संयुक्त सचिवों की सीधी नियुक्ति की योजना को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि इस व्यवस्था से संविधान को दरकिनार करने के साथ ही अनुसूचित जाति, जनजाति एवं ओबीसी वर्गों का आरक्षण खत्म हो जाएगा। 

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश की सरकार में 40 फीसदी की नियुक्ति में एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म। शासन में नया टैलेंट भर्ती करना सही है। पर क्या इस आड़ में संविधान को दरकिनार किया जाना उचित है?’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘पहले ‘सिंगल पोस्ट कैडर’ के इसी तर्क से विश्वविद्यालयों में एएसी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण ख़त्म किया गया था। चुनाव के चलते व देशव्यापी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया। अगर ये मापदण्ड तब ग़लत था तो संयुक्त सचिव की नियुक्ति के लिए ठीक कैसे है?’’ 

खबरों के मुताबिक केंद्र सरकार संयुक्त सचिव के साथ उप-सचिव और निदेशक स्तर के कई पदों पर भी निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्त करने की योजना बना रही है। 

आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा, वन सेवा परीक्षा या कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं की परीक्षा में चयनित अधिकारियों को करियर में लंबा अनुभव हासिल करने के बाद संयुक्त सचिव के पद पर तैनात किया जाता है।

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