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बिहार में कोरोना से राजनेता भी 'बेरोजगार'! चुनावी अभियानों पर लगा ब्रेक

बिहार में कोरोनावायरस को लेकर लोग दहशत में हैं। राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में भीड़ कम करने के लिए 'लॉकडाउन' घोषित कर रखा है, ऐसे में आम से लेकर खास तक घरों में कैद हो गए हैं और 'बेरोजगार' हो गए हैं।

<p>तेजस्वी यादव की...- India TV Hindi तेजस्वी यादव की 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' थम गई है

पटना: बिहार में कोरोनावायरस को लेकर लोग दहशत में हैं। राज्य सरकार ने शहरी इलाकों में भीड़ कम करने के लिए 'लॉकडाउन' घोषित कर रखा है, ऐसे में आम से लेकर खास तक घरों में कैद हो गए हैं और 'बेरोजगार' हो गए हैं। ऐसी ही स्थिति बिहार के राजनेताओं में भी देखने को मिल रही है। इस चुनावी साल में जहां विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के जरिए राजनेता मतदाताओं में अपनी पार्टियों के आधार मजबूत करने में लगे थे, वहीं कोरोना ने उनके कार्यक्रमों पर ब्रेक लगा दिया है।

इस चुनावी साल में बिहार की करीब सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी प्रारंभ कर दी थी, लेकिन कोरोना के कहर ने इनकी तैयारियों की रणनीतियों पर पानी फेर दिया है। इस चुनावी साल में जनता में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए नेता नए-नए तरकीब ढूढ़ रहे थे, वहीं अब स्थिति यह है कि इन राजनेताओं को लोगों के बीच जाने में भी डर सता रहा है। ये नेता कोरोना के डर से घर में नजरबंद रहने को मजबूर हैं।

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' थम गई, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान को अपनी 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' यात्रा को बीच में ही रोक देना पड़ा।

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं, "कोरोना ने तो हम सभी नेताओं को बेरोजगार कर दिया। न तो कार्यकर्ता किसी नेता से मिलने आ रहे हैं और न ही हम जनता से मिलने जा पा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि राजद कार्यालय के 31 मार्च तक बंद कर देने के बाद कार्यकर्ता भी नहीं पहुंच रहे हैं। राजद के नेता तेजस्वी यादव की रैली और उनकी 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' पर कोरोना का ब्रेक लग चुका है। उन्होंने माना कि चुनाव की तैयारी राजद ने प्रारंभ कर दी थी, अब कोरोना के प्रभाव के कारण लोग घरों में कैद हैं।

इधर, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा मानते हैं कि कोरोना के चलते उनका राजनीतिक जीवन उथल-पुथल हो गया है और जनता से धीरे-धीरे वह कटने भी लगे हैं। उन्होंने कहा कि नेता सुबह-शाम लोगों से मिलते थे, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे जल्द उबर पाना आसान नहीं है। कोराना के संक्रमण से बचने के लिए खुद नेता भी एहतियाती कदम उठा रहे हैं। नेताओं का कहना है कि शायद यह पहली बार हो रहा है, जब सियासत करने वाले लोग इतने लाचार हैं।

भाजपा के नेता भी जनता से दूरी बनाए हुए हैं। भाजपा नेता कोरोनावायरस से डरे हुए हैं। भाजपा के नेता और प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल कहते हैं कि नेता, जनता और कार्यकर्ताओं से धीरे-धीरे दूर होते जा रहे हैं, जो राजनीति के लिए बेहद खतरनाक है। इस बीच, हालांकि जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव सड़क पर जरूर उतरे हैं और कई क्षेत्रों में जाकर लोगों को कोरोना से बचने के लिए जागरूक कर रहे हैं। वह और उनके कार्यकर्ता साबुन और मास्क बांट रहे हैं।

पप्पू यादव कहते भी हैं कि जो काम सरकार को करना चाहिए, वह काम हमारे कार्यकर्ता कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता के दुखों में उनके बीच रहना ही तो नेताओं का कर्तव्य है।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की कार्यवाही भी समय से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी।

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