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मध्यप्रदेश: दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ सरकार के गौशाला खोलने के दावे और वादे पर खड़े किए सवाल

मध्यप्रदेश में हर पंचायत में गौशाला खोलने के दावे और वादे के साथ आई कमलनाथ सरकार पर दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं।

<p>दिग्विजय सिंह (फाइल...- India TV Hindi दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो)

भोपाल: मध्यप्रदेश में हर पंचायत में गौशाला खोलने के दावे और वादे के साथ आई कमलनाथ सरकार पर दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने ही सवाल खड़े कर दिए हैं। मध्य प्रदेश की सड़कों पर बैठी आवारा गोवंश पर ट्वीट करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा मुख्यमंत्री ने हटाकर तत्काल गौशाला में पहुंचाएं तभी उन्हें सच्चा गौ भक्त माना जाएगा।

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को पत्र और ट्वीट के जरिए नसीहत देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अब मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी ट्वीट के जरिए चुनाव से पहले किए गए उनके वादों को याद दिला रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान हर पंचायत में गौशाला खोलने के वादे के साथ हाई कमलनाथ सरकार को प्रदेश की सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं पर ट्वीट करते हुए उन्होंने कमलनाथ सरकार को हर पंचायत में गौशाला खोलने का वादा याद दिलाया और ट्वीट के जरिए ही सच्चा गौ भक्त बनने की बात भी कर डाली।

दरअसल गौशाला के जरिये गौरक्षा जैसे सॉफ्ट हिंदुत्व के मुद्दे के सहारे चुनावी वैतरणी को पार करने वाली कमलनाथ सरकार की गौ शालाओं का इंतजार प्रदेश की सड़कों पर बदहाल घूमने वाली गाये कर रही है।प्रदेश की तमाम पंचायतों में गौशाला खोलने का कमलनाथ सरकार का वादा 9 महीने बीत जाने के बाद भी अधूरा है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं की अगस्त में 600 गायों को रखने वाली राजगढ़ जिले की गौशाला 6 हजार गायों से भर होने के चलते जिसके चलते सितंबर तक में 200 से ज्यादा गाय असमय मौत का शिकार हो चुकी थी। 

हालांकि जनवरी में सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार ने भी सड़कों से आवारा मवेशियों को पकड़कर गौशाला और कांजी हाउस भेजने का अभियान शुरू किया था 1 महीने के बाद ही अभियान ठप हो गया लिहाजा प्रदेशभर की सड़कों पर लाखों गाय यूं ही घूमते नजर आती है

  • चुनाव से पहले कमलनाथ ने किया था वादा प्रदेश की पंचायतों में खुलेंगी गौशाला।
  • 16 जनवरी से भोपाल में आवारा मवेशीयों को पकड़ कर गौशाला और कांजी हाउस भेजने का शुरू किया था अभियान।
  • 2018 की पशुगणना के मुताबिक मध्यप्रदेश में 6 लाख आवारा गाय और मवेशी हैं। 
  • मध्यप्रदेश में करीब 1200 सरकारी गौशाला है जिनमे से करीब 650 गौशालाएं ही सक्रिय हैं।
  • राजधानी भोपाल में ही करीब 5 हज़ार आवारा गाय हैं।

हालांकि दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर कमलनाथ सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दिग्विजय सिंह पर गौशाला खोलने पर गौ भक्त होने के पीठ पर भी तंज कस डाला कह दिया किसी के मानने ना मानने से कमलनाथ के मध्य प्रदेश की सरकार के ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ता है। सज्जन सिंह वर्मा पीडब्ल्यूडी मंत्री (ना किसी माने या मानने से कमलनाथ या मध्य प्रदेश की सरकार फर्क नहीं पड़ता है कमलनाथ जी जो काम कर रहे हैं। उसका इतिहास गवाह बनेगा और भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही धर्म पर और गौ माता के नाम पर राजनीति की सबसे ज्यादा हत्याएं गौ माता का कत्ल भारतीय जनता पार्टी के राज में हुआ।

उन्होनें कहा कि कमलनाथ जी ने तो जिस दिन शपथ ली उस दिन ही बोल दिया था कि मैं हर पंचायत में गौशाला को लूंगा और उनका और उनका काम चालू हो गया है जगह-जगह हमने जगह-जगह हम लोग जा रहे हैं भूमि पूजन कर रहे हैं गौशालाओं का निर्माण हो रहा है गौशाला गौमाता की सुरक्षा हम अपने धर्म से बड़ा मानते हैं। दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश का सुपरसीएम सीएम कहने वाले भाजपा को भी दिविजय सिंह के ट्वीट के बाद सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। भाजपा के कौन से वार को संरक्षण कांग्रेस के एजेंडे में नहीं है।

विश्वास सारंग पूर्व मंत्री और विधायक भाजपा ने कहा कि देखिए अभी तक दिग्विजय सिंह जी मंत्रियों को नसीहत दे रहे थे 1 महीने पहले उन्होंने पत्र लिखे थे मंत्रियों को कि मेरे काम नहीं हो रहा है लगता है उन्होंने कमलनाथ जी ने उनके काम करना बंद कर दिए हैं एक पर स्टेशन छलक रहा है और जिस प्रकार से उन्होंने टिकट टिप्पणी की है वह भी आधारित है गौ गौ की सेवा गौशाला को संरक्षण कांग्रेस के एजेंडे की नहीं है यह चुनावी स्टंट था आज बस से बदतर स्थिति है गांव की और गाय की यदि दिव्य सिंह जी ने यह बात कही है मध्यप्रदेश में उन्हें सुपर सीएम कहा जाता है सुपर सीएम ने अगर बात की है तो उन्हें सीएम को ध्यान देना चाहिए।

बहरहाल चुनाव के वक्त जिस गाय को सामने रख और गौशालाओं के नाम पर कांग्रेस ने जमकर वोट मांगे उसे अब यू ही मरने और तड़पने के लिए छोड़ दिया गया है और वोटबैंक की राजनीति में पिस कर रह चुकी 'गौमाता' फिलहाल सरकार की फाइलों में 'आवारा मवेशी' के नाम पर दर्ज हो चुकी हैं ऐसे में दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद गौमाता के दिन कब फिरेंगे ये फिलहाल बड़ा सवाल है।

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