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Hindi News भारत राजनीति चुनाव में मुझे टिकट नहीं देने के पीछे फडणवीस और महाजन का हाथ : एकनाथ खडसे

चुनाव में मुझे टिकट नहीं देने के पीछे फडणवीस और महाजन का हाथ : एकनाथ खडसे

भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया है कि पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें टिकट नहीं देने के पीछे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी नेता गिरीश महाजन का हाथ है। 

Eknath Khadse- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Eknath Khadse

मुंबई: भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने आरोप लगाया है कि पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें टिकट नहीं देने के पीछे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पार्टी नेता गिरीश महाजन का हाथ है। खडसे ने बुधवार को एक मराठी समाचार चैनल से बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनका राजनीतिक कॅरियर खत्म करना चाहते हैं। 

एकनाथ खडसे ने कहा, ‘‘भाजपा की प्रदेश कोर समिति के सदस्यों ने मुझे बताया कि देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन ने जलगांव जिले में मुक्तैनगर विधानसभा सीट से मुझे टिकट दिए जाने का विरोध किया था। उन्होंने मुझे टिकट दिए जाने की भाजपा की केंद्रीय समिति की इच्छा को भी नजरअंदाज किया।’’ राज्य के पूर्व मंत्री ने दावा किया, ‘‘नाम नहीं बताने की शर्त पर कोर समिति के कुछ सदस्यों ने मुझे यह जानकारी दी।’’ 

जमीन सौदे में अनियमितता के आरोपों को लेकर खडसे ने 2016 में भाजपा के नेतृत्व वाली तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफा दे दिया था, उस वक्त वह राज्य में राजस्व मंत्री थे और फडणवीस के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में सबसे वरिष्ठ मंत्री थे। इसके बाद मंत्रिमंडल में उनकी कभी वापसी नहीं हो पाई और पिछले साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट भी नहीं दिया। भाजपा ने खडसे के बजाय उनकी बेटी रोहिणी खडसे को मुक्तैनगर से टिकट दिया हालांकि वह शिवसेना के बागी चंद्रकांत पाटिल से हार गईं। 

खडसे ने समाचार चैनल से कहा, ‘‘अब तक हुए तमाम घटनाक्रमों को देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ लोग मेरे खिलाफ हैं और मेरा राजनीतिक कॅरियर खत्म कर देना चाहते हैं। प्रदेश भाजपा ने उन लोगों को टिकट दिया जिनका कोई जनाधार नहीं था और इसी कारण हमलोग बुरी तरह पिछड़ गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं जैसे कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी चुनाव प्रचार के लिए बहुत कम बार बुलाया गया।’

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