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Hindi News भारत राजनीति कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा: 'प्रणब दा के संघ मुख्यालय जाने से लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता दुखी'

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा: 'प्रणब दा के संघ मुख्यालय जाने से लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता दुखी'

कांग्रेस ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं और भारत के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है। 

Anand Sharma- India TV Hindi Anand Sharma

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की तस्वीरें देखकर पार्टी के लाखों कायकर्ताओं और भारत के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वालों को दुख हुआ है। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता और विचारक प्रणब मुखर्जी की RSS मुख्यालय में तस्वीरों से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता और भारतीय गणराज्य के बहुलवाद, विविधता एवं बुनियादी मूल्यों में विश्वास करने वाले लोग दुखी हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘संवाद उन्हीं लोगों के साथ हो सकता है जो सुनने, आत्मसात करने और बदलने के इच्छुक हों। यहां ऐसा कुछ नहीं जिससे पता चलता हो कि आरएसएस अपने मुख्य एजेंडा से हट चुका है। संघ वैधता हासिल करने की कोशिश में है।’’ कांग्रेस ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर कहा कि ‘यह नहीं भूलना चाहिए कि आरएसएस क्या है?’’ पार्टी ने कहा, ‘‘ लोगों को याद दिलाने का अच्छा मौका है कि वास्तव में आरएसएस क्या है। अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस ने कभी भाग नहीं लिया। वह ब्रिटिशकाल में हमेशा औपनिवेशिक ताकत के अधीन रहा। 1930 में गांधी जी ने नमक सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया तो हेडगेवार ने यह सुनिश्चित किया कि संघ का इस आंदोलन से कोई लेनादेना नहीं हो।’’ 

पार्टी ने दावा किया कि आरएसएस ने कभी भी तिरंगे का सम्मान नहीं किया और हाल के समय में उन्होंने अपने मुख्यालय पर तिरंगा फहराना शुरू किया। कांग्रेस ने यह भी दावा किया, ‘‘गांधी जी की हत्या के बाद आरएसएस के लोगों ने खुशियां मनाईं और मिठाइयां बांटीं थी ।....विनायक दामोदर सावरकर ने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी और उनके प्रति वफादारी जताई थी। जेल में रहते हुए उन्होंने कई बार दया के लिए लिखा था।’’

 

उधर, कांग्रेस के कई नेताओं और पूर्व राष्ट्रपति की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी ने भी उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर सवाल खड़े किए। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि प्रणब दा का फैसला निजी है और इस पर खूब वाद-विवाद भी हो सकता है, लेकिन उनके जाने पर नहीं बल्कि उनके कहे शब्दों का विश्लेषण होना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि 'मैंने प्रणब दा से यह उम्मीद नहीं की थी।' 

शर्मिष्ठा ने कल ट्वीट कर कहा था कि वह नागपुर जाकर ‘भाजपा एवं संघ को फर्जी खबरें गढ़ने और अफवाहें फैलाने' की सुविधा मुहैया करा रहे हैं। मुखर्जी संघ के स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे हैं। 

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