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अभय चौटाला का बड़ा बयान, INLD किसानों की खातिर SAD के नेतृत्व में बनने वाले मोर्चे में शामिल होने को इच्छुक

केंद्र सरकार से हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग स्वीकार करने की मांग करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने शुक्रवार को कृषकों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के शिरोमणि अकाली दल (SAD) द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी मोर्चे में शामिल होने की इच्छा प्रकट की।

INLD to join any SAD-led outfit to further farmers' causes: Abhay Chautala- India TV Hindi Image Source : PTI INLD ने कृषकों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के SAD द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी मोर्चे में शामिल होने की इच्छा प्रकट की।

चंडीगढ़: केंद्र सरकार से हाल के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग स्वीकार करने की मांग करते हुए इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने शुक्रवार को कृषकों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के शिरोमणि अकाली दल (SAD) द्वारा बनाये जाने वाले किसी भी मोर्चे में शामिल होने की इच्छा प्रकट की। पार्टी ने यह भी कहा कि उसने अपने जिला अध्यक्षों एवं अन्य पदाधिकारियों को आंदोलनकारी किसानों का हाथ मजबूत करने के लिए पार्टी की किसान शाखा के सदस्यों को ट्रैक्टर ट्रॉलियों से दिल्ली की सीमाओं पर ले जाने का निर्देश दिया है। 

INLD के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में किसानों के विषय पर भाजपा और कांग्रेस छोड़कर SAD के नेतृत्व में किसी मोर्चे के गठन की संभावनाओं के बारे मे पूछे जाने पर कहा, ‘‘SAD और INLD पहले ही (हरियाणा में) मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। वे आज भी सहयोगी हैं। यदि ऐसा कोई मोर्चा बनता है तो INLD उसका हिस्सा होगा।’’

अभय चौटाला ने कहा, ‘‘सरकार को मामले को नहीं खींचना चाहिए। उसे इन कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग पर राजी होकर इस मामले का तत्काल हल करना चाहिए। सरकार को एमएसपी पर लिखित आश्वासन भी देना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा कि किसानों के मसीहा और पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल द्वारा स्थापित उनकी पार्टी किसानों के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने अपने बड़े भाई अजय सिंह चौटाला और उनके बेटे दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जेजेपी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया, ‘‘कई ऐसे लोग है जो चौधरी देवीलाल की विचारधारा पर चलने का दावा करते हैं लेकिन किसान किन स्थितियों से गुजर रहे हैं, उसकी अनदेखी करतते हुए सत्ता से चिपके हैं।’’

इस बीच नए कृषि कानूनों पर सरकार के साथ जारी बातचीत के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार होते नजर नहीं आ रहे हैं। दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान संगठनों ने शुक्रवार शाम को प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो 5 दिसंबर यानि कल शनिवार को देशभर में पीएम मोदी के पुतले जलाएंगे और 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया जाएगा।

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